(Illegal Mining, Fertile Soil Crisis, Jaipur Ring Road, Bassi Area)
जयपुर के विकास की चमक के पीछे खेतों की उपजाऊ मिट्टी का अंधाधुंध दोहन एक खतरनाक सच बनकर उभर रहा है। जयपुर रिंग रोड से लेकर बस्सी क्षेत्र तक इन दिनों खेतों की मिट्टी सोने के भाव बिक रही है। हालात इतने गंभीर हैं कि एक बीघा खेत की ऊपरी उपजाऊ मिट्टी 10 से 12 लाख रुपए तक में बेची जा रही है। लालच में आकर किसान अपने खेतों की ऊपरी परत बेच रहे हैं, लेकिन इसके बदले वे अपनी आने वाली पीढ़ियों की खेती की जमीन को बंजर बना रहे हैं। (Soil Loot, Rural Distress)
पत्थर के बाद अब मिट्टी का अवैध कारोबार
इस पूरे इलाके में पत्थर खनन के बाद अब मिट्टी का अवैध खनन नया ‘कारोबार’ बन चुका है। खेतों में कहीं चार तो कहीं पांच फीट तक की उपजाऊ मिट्टी निकाली जा चुकी है, जबकि अवैध खनन वाले स्थानों पर 10 से 15 फीट तक गहरे गड्ढे खोद दिए गए हैं। खेत अब खेत नहीं, बल्कि खदानों में तब्दील होते जा रहे हैं। (Illegal Excavation, Environmental Damage)
मिट्टी के दाम जमीन से भी महंगे
बस्सी, कानोता, हीरावाला, जीतावाला, फालियावास, सिण्डोली, बूड़थल, नायला रोड और जयपुर रिंग रोड से सटे इलाकों में मिट्टी के भाव सुनकर हर कोई हैरान है। जानकार बताते हैं कि जिस कीमत पर यहां एक बीघा मिट्टी बेची जा रही है, उतनी रकम में दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर और टोंक के कई क्षेत्रों में पूरी एक बीघा जमीन खरीदी जा सकती है। यही वजह है कि भूमाफिया और ठेकेदार किसानों को मोटी रकम का लालच देकर खेतों की ऊपरी परत निकलवा रहे हैं। (Land Mafia, Real Estate Pressure)
ईंट भट्टों और कॉलोनियों में खप रही उपजाऊ मिट्टी
बस्सी से जयपुर रिंग रोड के बीच से निकाली जा रही मिट्टी ईंट भट्टों, मकानों की भरत (फिलिंग) और नई कॉलोनियों की ऊबड़-खाबड़ जमीन समतल करने में इस्तेमाल हो रही है। निर्माण एजेंसियों और कॉलोनाइजरों की बढ़ती मांग ने मिट्टी को “हाई वैल्यू मटीरियल” बना दिया है। शहर के विस्तार की कीमत गांव और खेती चुका रहे हैं। (Urban Expansion, Construction Boom)
प्रशासन और जेडीए की रहस्यमयी चुप्पी
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के बावजूद प्रशासन और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) खामोश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायतें दी गईं, लेकिन न तो मौके पर जांच हुई और न ही कोई ठोस कार्रवाई सामने आई। (Administrative Failure, Governance Issues)
कानून कागजों में, जमीन पर मनमानी
खनन नियमों के तहत बिना अनुमति मिट्टी निकालना पूरी तरह अवैध है, लेकिन बस्सी–रिंग रोड बेल्ट में नियम सिर्फ फाइलों तक सीमित नजर आते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कहीं मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं होती, तो कहीं संसाधनों की कमी का बहाना बनाकर मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। (Mining Rules, System Failure)
भविष्य की खेती पर गहराता संकट
कृषि विशेषज्ञों का साफ कहना है कि खेत की ऊपरी मिट्टी ही सबसे अधिक उपजाऊ होती है। इसके हटते ही जमीन बंजर होने लगती है। आज किसान भले ही एकमुश्त मोटी रकम पा रहे हों, लेकिन आने वाले वर्षों में न वहां फसल होगी और न ही जमीन की कीमत बचेगी। यह ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई संभव नहीं। (Future of Farming, Irreversible Loss)
सवाल यही है
क्या विकास के नाम पर खेतों की हत्या होती रहेगी और क्या प्रशासन जागेगा, या मिट्टी के साथ-साथ खेती का भविष्य भी ट्रकों में भरकर बिकता रहेगा? (Ground Reality, Wake-Up Call)

Post a Comment