दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मिली एक लाश ने रिश्तों के उस काले सच से पर्दा उठाया, जहाँ प्यार, भरोसा और परिवार — तीनों को गोलियों से भून दिया गया। यह हत्या किसी अचानक हुए गुस्से का नतीजा नहीं थी, बल्कि महीनों से रची जा रही एक ठंडी, सुनियोजित साजिश थी, जिसकी पटकथा पत्नी और उसके प्रेमी देवर ने मिलकर लिखी।
हाईवे किनारे मिली लाश, गले में मारी गई थी गोली
10 फरवरी 2025 को दौसा जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जीरो पॉइंट पुलिया के पास लिंक रोड किनारे एक युवक का शव मिला। गले में गोली लगी थी। पहचान हुई आशानंद पांडे (37), निवासी पनपुरा, भोजपुर-आरा (बिहार)। आशानंद जयपुर के वीकेआई क्षेत्र में मजदूरी करता था।
शुरुआत में मामला अज्ञात हत्या का था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन ने पुलिस को ऐसी कहानी तक पहुंचाया, जिसने हर किसी को चौंका दिया।
पत्नी के अवैध संबंध बने हत्या की वजह
जांच में सामने आया कि आशानंद की पत्नी श्वेता उर्फ शिल्पी (35) के अपने ही देवर धर्मेंद्र शर्मा (45) से अवैध संबंध थे। यह रिश्ता परिवार तक पहुंच चुका था। आशानंद ने कई बार पत्नी को समझाया, प्रेमी से दूरी बनाने को कहा, लेकिन इसी बात को लेकर घर में रोज झगड़े होने लगे। पति रिश्ते में सबसे बड़ी रुकावट बन चुका था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुलाकात, वहीं तय हुई सुपारी
पुलिस के अनुसार, धर्मेंद्र इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करता था। किसी केस के सिलसिले में उसकी मुलाकात शूटर रामसुंदर उर्फ बिठू (30) से हुई। यहीं पर 20 हजार रुपये में आशानंद की हत्या की सुपारी तय कर दी गई।
हत्या से पहले साथ में मिठाई, फिर मौत की सवारी
7 फरवरी को आरोपियों ने रेकी की। 9 फरवरी 2025 को शाम करीब 6 बजे जयपुर के वीकेआई क्षेत्र में आशानंद, उसकी पत्नी शिल्पी, प्रेमी धर्मेंद्र और शूटर, तीनों ने एक दुकान पर साथ बैठकर मिठाई खाई। यहीं से आशानंद की मौत की उलटी गिनती शुरू हो गई।
उसे गांव (पनपुरा, बिहार) छोड़ने का बहाना बनाकर धर्मेंद्र की कार में बैठाया गया। जयपुर-आगरा हाईवे होते हुए कार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पहुंची।
कार की बैक सीट से मारी गई गोली
दौसा में धनावड़ रेस्ट एरिया से पहले, कार की बैक सीट पर बैठे शूटर बिठू ने आशानंद के गले में गोली मार दी। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने शव को दारापुर के पास एक्सप्रेसवे से नीचे फेंक दिया और फरार हो गए।
सीसीटीवी ने खोल दी पूरी साजिश
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में एक यूपी नंबर की कार संदिग्ध रूप से रुकती और फिर वापस जाती दिखी। आगे की जांच में सामने आया कि वही कार मांडरेज इंटरचेंज से दिल्ली रूट की ओर गई थी। फुटेज में कार की फ्रंट सीट पर आशानंद और धर्मेंद्र साफ नजर आए। कार धर्मेंद्र की थी।
एक-एक कर गिरफ्तारी, फिर टूटा राज
22 फरवरी 2025 को पुलिस ने धर्मेंद्र शर्मा को गाजियाबाद के अर्थला मोहन नगर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने हत्या की साजिश, शूटर को सुपारी देने और पत्नी से अवैध संबंध, तीनों बातों को कबूल कर लिया।
उसके बयान के आधार पर शूटर बिठू और मृतक की पत्नी शिल्पी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। वारदात में प्रयुक्त कार भी जब्त कर ली गई।
पत्नी ही निकली कत्ल की मास्टरमाइंड
पुलिस जांच में साफ हो गया कि आशानंद की हत्या किसी बाहरी दुश्मन ने नहीं, बल्कि उसकी पत्नी ने ही प्रेमी देवर के साथ मिलकर करवाई थी। 20 हजार रुपये की सुपारी में एक पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया गया।
रिश्तों पर बड़ा सवाल
यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों के उस पतन की कहानी है, जहाँ अवैध संबंधों ने इंसानियत, परिवार और भरोसे, तीनों की हत्या कर दी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पड़ी वह लाश अब कानून की फाइल में एक केस नंबर है, लेकिन समाज के लिए यह एक सख्त चेतावनी है जब रिश्ते संवाद से नहीं, साजिश से चलने लगें तो अंजाम सिर्फ मौत होता है।

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