दुनिया का सबसे हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल: ‘एपस्टीन फाइल्स’ ने हिला दी ग्लोबल एलिट की नींव
दुनिया की राजनीति, बिजनेस और ग्लैमर इंडस्ट्री को झकझोर देने वाला सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) ने 19 दिसंबर को ‘एपस्टीन फाइल्स’ से जुड़े करीब 3 लाख गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए हैं। इन फाइल्स में हजारों तस्वीरें, कोर्ट रिकॉर्ड, ईमेल, फ्लाइट लॉग्स और गवाहियों का ऐसा जाल है, जिसने पूर्व राष्ट्रपतियों से लेकर अरबपतियों और सेलेब्रिटीज तक की नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इन दस्तावेजों में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू, माइकल जैक्सन, क्रिस टकर जैसे कई नाम सामने आए हैं। कुछ तस्वीरों में क्लिंटन महिलाओं के साथ स्विमिंग पूल में नजर आते हैं, तो कहीं प्रिंस एंड्रयू कई महिलाओं की गोद में लेटे दिखते हैं। सबसे चौंकाने वाली तस्वीरों में जेफ्री एपस्टीन के साथ नाबालिग लड़कियां दिखाई देती हैं, हालांकि उनके चेहरे सुरक्षा कारणों से छिपाए गए हैं।
क्या हैं एपस्टीन फाइल्स?
‘एपस्टीन फाइल्स’ दरअसल अमेरिकी अरबपति जेफ्री एपस्टीन से जुड़े कानूनी और जांच दस्तावेजों का विशाल संग्रह है। इन फाइल्स में खुलासा हुआ है कि करीब 250 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण हुआ, जबकि 1200 से ज्यादा पीड़ितों और उनके परिवारों की पहचान दर्ज है। आरोप है कि दुनियाभर के ताकतवर और रसूखदार लोगों ने इन लड़कियों का इस्तेमाल किया।
20 साल पुरानी शिकायत से खुला राज
इस स्कैंडल की जड़ें 2005 में हैं, जब फ्लोरिडा में एक 14 साल की लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि एपस्टीन ने मसाज के बहाने उसकी बेटी को अपने घर बुलाया और वहां सेक्स के लिए मजबूर किया। धीरे-धीरे 50 से ज्यादा लड़कियां सामने आईं। जांच में पता चला कि एपस्टीन के न्यूयॉर्क, पाम बीच और उसके कुख्यात प्राइवेट आइलैंड ‘लिटिल सेंट जेम्स’ पर हाई-प्रोफाइल पार्टियां होती थीं।
एपस्टीन अपने निजी जेट ‘लोलिता एक्सप्रेस’ से नाबालिग लड़कियों को आइलैंड पर लाता था। उसकी गर्लफ्रेंड और सहयोगी गिजलेन मैक्सवेल इस नेटवर्क की अहम कड़ी थी। बावजूद इसके, एपस्टीन को 2008 में सिर्फ 13 महीने की मामूली सजा मिली और वह 2009 में रिहा हो गया।
2019 में फिर उठा तूफान
करीब 10 साल बाद वर्जीनिया गिफ्रे नाम की महिला ने सामने आकर दावा किया कि 16 साल की उम्र में उसका कई साल तक यौन शोषण किया गया। इसके बाद 80 से ज्यादा महिलाओं की शिकायतों ने अमेरिकी सिस्टम पर दबाव बढ़ा। जुलाई 2019 में एपस्टीन को गिरफ्तार किया गया, लेकिन एक महीने बाद जेल में उसकी संदिग्ध मौत हो गई। सरकारी तौर पर इसे आत्महत्या बताया गया, मगर टूटी गर्दन की हड्डियों, खराब CCTV और सुरक्षा चूकों ने हत्या की आशंका को जन्म दिया।
प्राइवेट आइलैंड: अय्याशी और नेटवर्किंग का अड्डा
एपस्टीन का आइलैंड सिर्फ सेक्स ट्रैफिकिंग का केंद्र नहीं था, बल्कि वहां ड्रग्स, शराब, जबरन ग्रुप सेक्स और नाबालिगों के शोषण के आरोप लगे। साथ ही, यह आइलैंड शक्तिशाली लोगों की सीक्रेट मीटिंग्स और नेटवर्किंग का मंच भी था। खुद को ‘कनेक्टर’ बताने वाला एपस्टीन अरबपतियों, वैज्ञानिकों और नेताओं को जोड़ने का दावा करता था।
क्या नाम आने से अपराध साबित होता है?
कानून की नजर में नहीं। अमेरिकी अदालतों ने साफ किया है कि केवल नाम या तस्वीर सामने आने से कोई अपराधी साबित नहीं होता। दोष सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत, लेन-देन और गवाहियां जरूरी हैं। इसी वजह से क्लिंटन, ट्रम्प, बिल गेट्स, स्टीफन हॉकिंग जैसे नाम आने के बावजूद उन्हें कानूनी सजा नहीं मिली, हालांकि कई लोगों को नैतिक दबाव में पद छोड़ने पड़े।
भारत का कोई कनेक्शन नहीं
अब तक की जांच में साफ हुआ है कि इस स्कैंडल का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों और दस्तावेजों में किसी भारतीय शख्सियत की संलिप्तता सामने नहीं आई।
आगे क्या?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा साइन किए गए एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं। DOJ को जनवरी 2026 तक यह बताना होगा कि कौन-से रिकॉर्ड रोके गए, कौन-से एडिट किए गए और क्यों। माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में और भी नाम, तस्वीरें और सच्चाइयां सामने आ सकती हैं।
एपस्टीन फाइल्स सिर्फ एक सेक्स स्कैंडल नहीं, बल्कि यह दुनिया की ताकतवर एलिट, सिस्टम की विफलता और न्याय की कीमत पर खड़े साम्राज्य की भयावह तस्वीर है, जिसकी परतें अभी पूरी तरह खुलनी बाकी हैं।






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