15 अगस्त, 2025 को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से 103 मिनट का भाषण दिया, जो कि अब तक का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण बन गया है—जिसने पिछले वर्ष के अपने 98-मिनट के रिकॉर्ड को पार किया। यह 12वां लगातार भाषण था जो उन्होंने लाल किले से दिया—इंदिरा गांधी के बाद किसी भी प्रधानमंत्री ने इतने लगातार भाषण नहीं दिए। उन्होंने 7:34 बजे भाषण शुरू किया और 9:17 पर खत्म किया।
प्रमुख घोषणाएँ और विजन: "आत्मनिर्भर, विकसित भारत" का एजेंडा
भाषण में पीएम मोदी ने 'विकसित भारत', 'आत्मनिर्भर भारत' और ‘स्वदेशी’ पर विशेष जोर दिया। उन्होंने तकनीकी, ग्रामीण और राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्रों में कई बड़ी घोषणाएँ कीं।
माइक्रोचिप (सेमीकंडक्टर) उत्पादन— मोदी ने भरोसा दिलाया कि वर्ष 2025 के अंत तक "Made-in-India" सेमीकंडक्टर्स बाज़ार में उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर उत्पादन की भूमिका कई दशक पूर्व रुकी थी, लेकिन अब सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है; छह मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में से चार की मंजूरी भी मिल चुकी है।
-समग्र कर (GST) में सुधार— ‘दिवाली गिफ्ट’ के रूप में उन्होंने GST सुधारों का वादा किया, जिसका लक्ष्य आम लोगों और छोटे उद्योगों पर टैक्स बोझ कम करना है।
-प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना— युवाओं को निजी क्षेत्र में पहली नौकरी मिलने पर सरकार से ₹15,000 की सहायता देने की घोषणा, जो ₹1 लाख करोड़ के पैकेज के तहत दी जाएगी।
-‘वोकल फॉर लोकल’ और आयकर सुधार— ‘स्वदेशी’ वस्तुओं को बड़े मंच पर बढ़ावा देने, जन-जीवन को आसान बनाने हेतु आयकर सुधारों और 40,000 से अधिक गैर-जरूरी अनुपालन हटाने की घोषणाएँ शामिल थीं।
-ऊर्जा आत्मनिर्भरता— ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए, सौर ऊर्जा में 30% वृद्धि और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।
-रक्षा और सुरक्षा— ‘आत्मनिर्भर’ रक्षा का उदाहरण Operation Sindoor को बताया गया, जो पाकिस्तान कैम्पों पर भारतीय सेना के सटीक जवाब का प्रमाण था।
-Mission Sudarshan Chakra के रूप में एक शक्तिशाली सुरक्षा ढाँचा बनाने का वादा, जिसे 2035 तक कार्यान्वित किया जाएगा। यह नाम श्रीकृष्ण के 'सुदर्शन चक्र' से प्रेरित है।
-डेमोग्राफिक मिशन घुसपैठियों द्वारा सामाजिक और जैविक संरचना में बदलाव को चुनौती मानते हुए, ‘high-powered demography mission’ शुरू करने की घोषणा की गई। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा बताया।
राष्ट्रीय सुरक्षा: Operation Sindoor से व्यापक प्रतिक्रिया
-Operation Sindoor को भारतीय सेना की बहादुरी का प्रतीक बताया गया। पीएम ने कहा कि आतंकवादियों को सजा और बल का प्रभाव इतना व्यापक था कि हर दिन नए सबूत सामने आ रहे हैं।
पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश: "न्यूक्लियर ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं"
-पीएम मोदी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत अब पाकिस्तान के "न्यूक्लियर ब्लैकमेल" को tolerat नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि दुश्मन ने परमाणु धमकी दी, तो हमारा जवाब समय, माध्यम और उद्देश्य के अनुसार दिया जाएगा।
-उन्होंने इंडस वाटर ट्रीटी पर भी निर्णय का संकेत दिया—"खून और पानी साथ नहीं बहेंगे"—यह कहते हुए कि अब भारत पानी नियंत्रण का अधिकार पूरी तरह से बनाएगा।
अमेरिका के प्रति धार्मिक रूपांतर नहीं, आर्थिक आत्मनिर्भरता
-मोदी ने सीधे अमेरिका का उल्लेख तो नहीं किया, लेकिन बढ़े हुए टैरिफ (50%) के समय में "आत्मनिर्भर भारत" को दोहराया—टैरिफ कटौती की जगह घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने का एजेंडा।
-U.S. द्वारा रूस से खरीद और कृषि आयात पर दुष्परिणामकारी नीतियों के बावजूद, मोदी ने भारत के किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा का वचन दिया।
-अतिरिक्त टैक्स और व्यापार बाधाओं के मद्देनजर, उन्होंने ‘Daam kam, dum zyada’ (किफायती लेकिन शक्तिशाली) उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
भावनात्मक और ऐतिहासिक संदर्भ
भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान निर्माताओं और पं. नेहरू की याद से हुई—यह राष्ट्र के लिए गर्व और आशा का उत्सव है। Dr. Shyama Prasad Mukherjee जैसे नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्हें राष्ट्र की एकता और संविधान के संरक्षक माना जाता है। अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले Group Captain Shubhanshu Shukla का उल्लेख करते हुए देश की वैज्ञानिक क्षमताओं को भी बढ़ावा मिला।
पीएम मोदी का यह 103-मिनट का भाषण केवल लंबाई में नहीं बल्कि गहराई और व्यापकता में भी रिकॉर्ड-ब्रेकिंग था। इसके माध्यम से उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत', तकनीकी स्वतंत्रता, युवा उन्नयन, और राष्ट्रीय सुरक्षा को एक साथ जोड़ा। पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को अप्रत्यक्ष लेकिन स्पष्ट संदेश दिए गए—पाकिस्तान के लिए परमाणु ब्लैकमेल को सहन न करने और अमेरिका के संदर्भ में स्वदेशी उद्योगों को प्राथमिकता देने की नीति।
यह भाषण आने वाले समय में राजनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से दूरगामी प्रभाव पैदा करेगा। यह प्रधानमंत्री का विजन, रणनीतिक संकल्प और राष्ट्र के सामने मजबूती से खड़े होने की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
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