शराब घोटाले में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 177 दिन बार जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने पांच शर्तें रखी हैं, और 10 लाख का मुचलका भरवाया है।
शर्तें अनुसार केजरीवाल शराब घोटाला केस के उपर बोल नहीं सकते, सीएमओ नहीं जा सकते, जांच प्रभावित नहीं कर सकते, किसी गवाह से नहीं डरा सकते, किसी फाइल पर एलजी की अनुमति के बिना साइन नहीं कर सकते और न ही सचिवालय जा सकते। जरुरत पड़ने पर उनको निचली अदालत में उपस्थित होने पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि सार्वजनिक सभाओं में राजनीतिक भाषण देने के अलावा सीएम केजरीवाल कोई काम नहीं कर सकते।
अब आप समझिये कि केजरीवाल को जमानत मिली क्यों है? अगले महीने के पहले सप्ताह में हरियाणा में चुनाव हैं। यहां पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ अलाइंस नहीं किया है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है, लेकिन इस बार भाजपा की हालत खराब है। सर्वे बता रहे हैं कि 90 में से 65 सीटों के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।
हरियाणा में जितने दल मैदान में उतना ही भाजपा को लाभ होगा। यदि विपक्ष एक हो गया तो लोकसभा चुनाव की तरह भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। केजरीवाल जेल से बाहर होंगे तो आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।
दिल्ली के नजदीक होने के कारण हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी का प्रभाव माना जाता है। यानी केजरीवाल जितना वोट लेंगे, उतना ही कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा होगा। वैसे दो दिन पहले पीएम मोदी ने सीजेआई चंद्रचूड के घर जाकर गणेश पूजा की थी।
केजरीवाल को मिली जमानत की शर्तें :
★ CM केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा पाएंगे।
★ CM केजरीवाल किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे।
★ CM केजरीवाल को जब भी जांच के लिए बुला जाएगा, उन्हें आना पड़ेगा।
★ CM केजरीवाल कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेंगे।
★ CM केजरीवाल को 10 लाख के दो मुचलके भरने होंगे।
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