पत्रकार दिलीप सोनी को पुलिस ने थाने में रातभर यातना दीं, पुलिस ने ही जमीन पर कब्जा करवाया, पत्रकार संगठनों ने जताया रोष

Siyasibharat
जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर जिले के नाचना में भूमि सीमांकन के बाद अपने हक की जमीन पर काम करने के बदले स्थानीय पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी को उसके साथ खेत पर काम करने वाले काश्तकार को रात भर थाने में रखकर यातना दी। 

पुलिस ने पत्रकार व काश्तकार पर रातभर गर्मी में यातना देकर पूर्व में दर्ज मामले को उठाने की धमकी देकर प्रताड़ित किया जाता रहा। 

वरिष्ठ पत्रकार ने बीते 24 घंटे में हुई इस घटना का वीडियो जारी कर न्याय की मांग की है। राजस्थान जर्नलिस्ट एसोसियेशन सहित विभिन्न संगठनों ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग कर पत्रकार को न्याय दिलाने की मांग मुख्मंयत्री व पुलिस महानिदेशक से की है। 

ये है पूरा मामला
जैसलमेर जिले के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी ने बताया कि तहसील क्षेत्र के चक 9 एडब्ल्यूडीए में  25 बीघा भूमि जोकि पिता स्व.प्रभू लाल सोनी के नाम से है। पिता का पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। खेत के पड़ोसी द्वारा जमीन पर कब्जा कर लिया है। 

जिसके चलते 20 जून 2021 को नाचना पुलिसथाना में एफआईआर दर्ज कराई गई। 
पुलिस ने पत्रकार के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसीलदार व पटवारी से जमीन का सीमांकन कराकर इसकी रिपोर्ट को लिखा। 

जिस पर तहसीलदार घनश्याम गर्ग, पटवारी देवकरण सिंह, नाथू लाल मीनणा व रामप्रताप सिंह की टीम ने जमीन का सीमांकन किया। इसके बाद अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें पड़ौसी द्वारा जमीन पर अतिक्रमण की जानकारी दी गई। 

जमीन पर काम करते पुलिस ने उठाया
इसके बाद पत्रकार व खेत पर काश्त करने वाले कंवरु राम मेघवाल शुक्रवार सांय काम कर रहे थे, तभी पड़ौसी किशन लाल माली, हरीश माली व लीला देवी ने आकर मारपीट की और जाति सूचक गालियां भी निकाली। 

इसके बाद पुलिस ने खेत से ही दोनों को उठाकर पुलिसथाना नाचना में बंद कर दिया। मौके से मोबाइल फोन भी पुलिस ने छीन लिया। 

रिपोर्ट पर पुलिस ने नही की कार्रवाई
नाचना पुलिस की टीम ने पत्रकार दिलीप सोनी व काश्तकार कंवरु राम मेघवाल की और से खेत पड़ौसी पड़ौसी किशन लाल माली, हरीश माली व लीला देवी के द्वारा खेत में आकर मारपीट की और जाति सूचक गालियां भी निकाली, रिपोर्ट पर अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नही की है। 

रात भर थाने में दी यातना
नाचना पुलिसथाना में रातभर बंद के दौरान पुलिस के अधिकारी ने पत्रकार पर रिपोर्ट वापिस लेने का दबाव बनाते हुए रातभर यातनाएं दी गई। इसके साथ ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बिना सूचना के ठिकाने लगाने की बात भी रात को कही गई। 

बीपी का मरीज होने पर भी गर्मी में रखा
पुलिस की हद तो तब हो गई जब रात को पत्रकार दिलीप सोनी जोकि हाइबल्ड प्रेशर के मरीज है उन्हे भीषण गर्मी में बंद रखा ओर कहने के बावजूद भी पंखे की व्यवस्था नही कराई गई। उल्टा इसके लिए भी अधिकारी रात भर यातना देते रहे।

वीडियो जारी कर रखी मांग 
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए शनिवार को पोकरण उप जिला कलक्टर से जमानत मिलने के बाद वीडियो जारी कर बीते 24 घंटे की सारी घटना को सामने रखा। 

जिसमें उन्होने कहा कि ‘‘ मैं नाचना में पत्रकार हूं और पिता जी की जमीन पर खेत पड़ौसी ने कब्जा कर लिया। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। इस दौरान तहसीलदार व पटवारी द्वारा सीमांकन कराया गया। 

तहसीलदार व पटवारी ने पुलिस की मौजूदगी में बताया था कि यह जमीन आपकी है। इस पर जब हम लोग खेत पर काम कर रहे थे तब पड़ौसी ने पुलिस को फेन किया और पुलिस ने एक तरफा कार्यवाही करते हुए हमें खेत से लाकर थाने में बंद कर दिया। 

बयान नही बदले तो बुरा हाल कर दूंगा
सोनी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद मोबाइल फोन चालू किया है। पुलिस के एएसआई देवीसिंह ने रात भर धमकाते हुए यातना दी। कभी बेल्ट से तो कभी पट्टे से मारने की धमकी देते हुए यातनाओं का दौर जारी रखा। इसके साथ यह भी कहा कि पुलिस के सीआई व अन्य अधिकारी क्या करेगे, अगर तूने बयान नही बदले तो तेरा काम तमाम कर दूंगा।  


पुलिस अधिकारी के द्वार इस तरह से यातनांए देना वरिष्ठ पत्रकार के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है। 
पत्रकार संगठनों ने जताया रोष, दोषी पुलिसकर्मी को निलंबित करने की मांग
राजस्थान जर्नलिस्ट एसोसियेशन (जार) सहित विभिन्न पत्रकार व अन्य संगठनों ने जताया रोष, पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है।

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