गहलोत के मंत्री ने की सियासी सन्यास की घोषणा!

राजस्थान सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है। हालांकि,चांदना ने खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हुए सार्वजनिक रूप से इस बात की घोषणा की है, कि अगर राजस्थान की दो में से एक भी सीट पर भाजपा उप चुनाव जीती , तो वह उसी दिन राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

 अशोक चांदना ने कहा कि अब तक राजस्थान में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ है, जिनमें से 5 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत दर्ज कर रही है। चांदना ने दावा किया कि प्रतापगढ़ की धरियावद और उदयपुर की वल्लभनगर सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बड़े अंतराल से चुनाव जीतेंगे। 

अशोक चांदना के द्वारा दिया गया यह बयान राजनीतिक तौर पर बहुत बड़ा बयान माना जा रहा है, क्योंकि दरियाबाद और वल्लभनगर की सीटों पर कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना इतना आसान नहीं है। बल्लभ नगर सीट जहां कांग्रेस के विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई थी जहां पर कांग्रेस की तरफ से प्रीति सिंह शक्तावत कांग्रेस उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा की तरफ से हिम्मत सिंह झाला तीसरी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के द्वारा भाजपा छोड़कर रालोपा में शामिल हुए उदय लाल डांगी को उम्मीदवार बनाया गया है वहीं जनता सेना से रणधीर सिंह भिंडर। ऐसे में वल्लभ नगर सीट पर 4 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होने जा रहा है

तो प्रतापगढ़ की धरियावाद सीट पर भारतीय जनता पार्टी के गौतम लाल मीणा का निधन होने के बाद खेत सिंह मीणा को भाजपा ने मैदान में उतारा हैं। धरियावाद में भी उपचुनाव में भाजपा की जीतने की उम्मीदें हैं।

 ऐसे में खेल मंत्री अशोक चांदना के द्वारा दिया गया बयान राजनीतिक तौर पर काफी अहम है, क्योंकि परिपक्व राजनेता कभी भी इस तरह के हल्के बयान नहीं देते है कि भविष्य में उसको दिक्कतों का सामना करना पड़े। 

अशोक चांदना दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट के बेहद करीबी माने जाते थे, लेकिन जब 13 जुलाई 2020 को सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की सरकार से बगावत की तो उसके बाद पायलट कैंप छोड़कर अशोक चांदना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैंप में शामिल हो गए थे।

 तभी से गुर्जर समाज के द्वारा अशोक चांदना को सोशल मीडिया पर खूब भला बुरा कहा जाता है। अशोक चांदना के बारे में सोशल मीडिया पर यह भी कहा जाता है कि गुर्जर समाज के विरोध के कारण दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में वह चुनाव हार सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि उन्होंने अभी से अपने विधानसभा सीट बदलने का भी मन बना लिया है। 

अशोक चांदना दिसंबर 2018 में मंत्रिमंडल गठन के बाद खेल मंत्री बनाए गए थे। उसके बाद से ही लगातार अपने विवादित बयानों के कारण कई बार चर्चित हो चुके हैं। करौली उनका प्रभार जिला है। ऐसे में वहां पर उनका विरोध कई बार हो चुका है। साथ ही सोशल मीडिया पर उनके वायरल ऑडियो और वीडियो खूब देखे जा सकते हैं।

सियासी भारत के लिए एडिटर रामगोपाल जाट की रिपोर्ट के साथ रामकिशन गुर्जर

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