जयपुर, राजस्थान। राजस्थान की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। डोटासरा ने दावा किया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और मंत्री अपने फोन पर होने वाली बातचीत को लेकर अत्यधिक सतर्क रहते हैं, क्योंकि उन्हें यह आशंका है कि उनकी कॉल दिल्ली में सुनी जा रही हैं।
डोटासरा का सनसनीखेज दावा:
कांग्रेस वॉर रूम से पत्रकारों से बात करते हुए डोटासरा ने कहा, "लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री और मंत्री खुद कहते हैं कि डायरेक्ट फोन पर बात मत करो। ऊपर तक बात जाती है। अगर ऐसी स्थिति है, तो सोचिए प्रदेश की हालत क्या होगी?" इस बयान ने प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
'अदृश्य शक्तियों' की भूमिका पर सवाल:
जब पत्रकारों ने डोटासरा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली, तो उन्होंने रहस्यमयी तरीके से जवाब दिया, "जो संवाद रखते हैं, उन्हें सब कुछ छनकर मिल जाता है।" यह बयान 'अदृश्य शक्तियों' द्वारा फोन टैपिंग की ओर इशारा करता है, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं।
बीजेपी पर तीखा हमला:
डोटासरा ने इस मौके पर बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "बीजेपी में नेता एक-दूसरे को निपटाने में लगे हैं। डर इस बात का है कि कब दिल्ली से किसकी पर्ची बदल जाए।" डोटासरा का यह बयान बीजेपी के भीतर चल रही कथित आंतरिक कलह को उजागर करता है।
कांग्रेस की चुनाव तैयारियां जोरों पर:
फोन टैपिंग के आरोपों के बीच डोटासरा ने कांग्रेस की चुनाव तैयारियों का भी ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि अब तक 80% मंडल और ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन पूरा हो चुका है, और उनकी पूरी जानकारी फोटो व मोबाइल नंबर सहित PCC वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 28 जून से पहले सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की सूची चुनाव आयोग को भेज दी जाएगी। यह दर्शाता है कि कांग्रेस आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है।
निकाय चुनावों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप:
डोटासरा ने राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नगर निकायों और पंचायती राज का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई अधिसूचना नहीं आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां कांग्रेस समर्थक सरपंच और प्रधान हैं, वहां नए कामों की मंजूरी नहीं दी जा रही।
UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा और पंचायती राज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा, "वह कौन होते हैं चुनाव की घोषणा करने वाले? यह अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग का है।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि 1000 से अधिक निकाय व पंचायत सीटों से संबंधित मामले जल्द ही कोर्ट में पहुंच सकते हैं।
यह पूरा घटनाक्रम राजस्थान की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म देता दिख रहा है, जहां विपक्षी दल ने सरकार पर जनता की निगरानी और राजनीतिक हस्तक्षेप का सीधा आरोप लगाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों पर सत्ता पक्ष की क्या प्रतिक्रिया आती है और इसका आगामी चुनावों पर क्या असर पड़ता है।
#RajasthanPolitics #PhoneTapping #GovindSinghDotasra #CongressVsBJP #ElectionUpdates #राजस्थानराजनीति #BreakingNews
Post a Comment