जयपुर।
साल 2018 का राजस्थान विधानसभा चुनाव आपको याद होगा। आपको यह भी याद होगा कि सियासी दलों ने चुनाव से पहले कुछ वादे किए थे। कांग्रेस ने अपना संकल्प पत्र जारी किया था तो भाजपा ने जन घोषणा पत्र के नाम से अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया था। सरकार कांग्रेस की बनी और पांच साल पूरे होने वाले हैं। किंतु कांग्रेस के वादों की पोल तब खुल गई, जब पांच साल पूरे होने पर भी आधे से अधिक वादे आज भी वादे ही हैं। तब राहुल गांधी ने वादा किया था तो अब उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने वादों की झड़ी लगा दी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने झुंझूनूं में वादा किया है कि उनकी सरकार फिर बनी तो राज्य की महिलाओं को 10 हजार रुपये साल के दिए जाएंगे। इसके साथ ही एक करोड़ से ज्यादा परिवारों को 500 रुपये का सिलेंडर दिया जाएगा। वाड्रा ने कहा कि उनकी सरकार रिपीट होगी तो राजस्थान को 2030 तक एक नंबर बना देंगे।
गंभीर बात यह है कि राजस्थान को कांग्रेस 2030 तक नंबर वन बनाने का वादा कर रही है, लेकिन हकिकत यह है कि राजस्थान आज नंबर वन बन चुका है। यह बात और है कि नंबर वन रेप, महिला अत्याचार, दलित उत्पीड़न, पेपर लीक, बेरोजगारी जैसे विषयों में हुआ है। खास बात यह है कि जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब इन सभी विषयों में राजस्थान टॉप पांच में भी नहीं था। यानी कांग्रेस ने भले ही वादे पूरे नहीं किए हों, लेकिन राजस्थान को कई मामलों में बिना वादे ही एक नंबर बना दिया है।
अब बात वादों की करें तो पहले भाई राहुल गांधी ने किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता जैसे वादे किए थे, लेकिन दोनों ही वादे आजतक पूरे नहीं हुए हैं। यानी जिन किसानों और जवानों के नाम पर कांग्रेस ने वोट लेकर सरकार बनाई, उनके साथ ही सबसे अधिक धोखा किया गया, जबकि भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड टूट चुके हैं। सरकार के समर्थन में खड़े हर विधायक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। विधायकों का क्षेत्र में खुुलकर विरोध हो रहा है।
अब चुनाव देखकर कर राहुल की बहन प्रियंका वाड्रा मैदान में उतर आई हैं। वादों के हिसाब से बात करें तो पहले भाई राहुल गांधी ने जनता को ठगा है, तो अब उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ठगने आ गई हैं। अब राज्य की जनता को तय करना है कि पहले के वादे याद रखने हैं, या अब फिर से वादों में आना है।
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