जैसलमेर—बाड़मेर जिले सोलर प्लांट लगाने के हिसाब से निजी कंपनियों की पहली पसंद बने हुए हैं। यहां पर सरकार अडानी, अंबानी जैसे उद्योगपतियों को हजारों—लाखों एकड़ जमीन नि:शुल्क देती है। ये जमीनें या तो गोचर की होती हैं, या फिर ओरण होती हैं। इसी को लेकर बईया गांव में शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने ग्रामीणों के साथ धरना दिया है। दो सप्ताह से अधिक हो चुका है, लेकिन मसले का हल नहीं निकला है।
ऐसे में भाटी ने इसी ओरण पर रात को खटिया बिछाकर सोना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों और विधायक का कहना है कि यहां पर निजी कंपनी जीएसएस स्थापित कर रही है, जो की गैर कानूनी है। उनकी मांग है कि पहले इस जमीन को सरकार के नाम दर्ज किया जाए, उसके बाद कंपनी को काम करने दिया जाएगा।
कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट का कहना है कि 6.62 एकड़ जमीन पर जीएसएस का काम करना है। सरकार ने कंपनी को 3304 एकड़ जमीन दी है, जिसपर 600 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इसी 3304 एकड़ में से 229 एकड निजी खातेदार की है। कंपनी यहां पर अडानी सोलर एनर्जी बाड़मेर वन लिमिटेड के लिए जीएसएस लगाने का काम कर रही है।
विधायक का कहना है कि पहले जिला कलेक्टर इस जमीन को सरकारी खजाने में दर्ज कर, उसके बाद कंपनी प्लांट लगाए तो वो खुद काम करेंगे। जबकि, दो सप्ताह से यहां पर ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि यहां के अधिकारी निजी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं। भाटी का आरोप है कि अधिकारियों का काम सरकारी तनख्वाह से नहीं चल रहा है, इसलिए इन कंपनियों से पैसा लिया जा रहा है। इनके तबादले भी जयपुर से नहीं, बल्कि अहमदाबाद से हो रहे हैं।
एसपी सुधीर चौधरी के अनुसार कंपनी काम कर रही है, वहां सरकार ने अनुमति दी है। ग्रामीणों का कहना है ओरण की भूमि पर कोई काम नहीं हो सकता है। जब गांव बसता है तो स्थानीय काफी जमीन ओरण के रूप में देवी—देवताओं के नाम से दर्ज होती है, जहां से पेड़—पौधे भी नहीं काटे जा सकते हैं।
इस जमीन को गोचर के लिए काम लिया जा सकता है। ऐसे में जमीन को निजी कंपनी को कैसे दिया जा सकता है। इस मामले को लेकर विधायक ने पुलिस ने दो गांव वालों को भी छुड़ाया है, जबकि खुद ही रात को ओरण भूमि पर सोये हैं।
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