घर-घर औषधि योजना के प्रभावी प्रबंधन में नवाचार अपनाएं जिला कलेक्टर: मुख्य सचिव



मदन कलाल 
घर-घर औषधि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलेक्टर के साथ बैठक की। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने योजना के प्रभावी प्रबंधन के लिए सभी जिला कलेक्टरों से नवाचार अपनाने का आह्वान किया।

इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों के साथ घर-घर औषधि योजना में पौध वितरण, उनकी सार-संभाल और उपयोग पर चर्चा की। 

उन्होंने योजना को राज्य सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार तक औषधीय पौधों का वितरण सुनिश्चित होना चाहिए। इन पौधों के माध्यम से जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण की भावना भी जुड़ी हुई है, इसलिए राज्य सरकार का यह संदेश भी पहुंचना आवश्यक है।

मुख्य सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ घर-घर औषधि योजना से जुड़ी अब तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्हें इसकी प्रभावी निगरानी और मूल्यांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

आर्य ने कहा कि निगरानी के लिए समुचित तकनीक अपनाई जाए। इसके उपयोग से औषधीय पौधों के वितरण की व्यवस्था पर निगरानी रखी जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि समुचित तकनीक का उपयोग योजना की जिला वाइज रैंकिंग देने में भी किया जा सकता है। इसके माध्यम से घर-घर औषधि योजना में जिलों को प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग सुधारने में भी सहायता मिलेगी।  

आर्य ने यह भी सुझाव दिया कि जिला कलेक्टर अपने अपने-अपने जिलों में योजना के क्रियान्वयन में नवाचार अपनाएं ताकि दूसरे जिले इससे प्रेरणा ले सकें।

इस अवसर पर वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने जिला कलक्टर्स से अपेक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने योजना के उद्देश्यों तथा महत्व पर भी जानकारी प्रदान की। 

इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) श्रुति शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन वर्धन) अरिजीत बनर्जी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

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