प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व राज्यपाल के खिलाफ कांग्रेस की टिप्पणी बेहद निंदनीय, अमर्यादित व अलोकतांत्रिक: डॉ. पूनियां


भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी इत्यादि मुद्दों पर राजस्थान की जनता कभी भी मुख्यमंत्री निवास घेर सकती है। कांग्रेस पहले से ही संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण करती रही है, ये अपने आपको संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर मानते हैं : डॉ. पूनियां* 

कांग्रेस द्वारा राजभवन घेराव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व राज्यपाल के खिलाफ अमर्यादित एवं असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करने के मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने बयान जारी कर कहा कि, तथ्यहीन मुद्दे पर राजस्थान कांग्रेस ने राजभवन घेराव की घोषणा की, यह पहला अवसर नहीं है इससे पहले भी  कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण करती रही है।

देश में 70 सालों से लूट-झूठ का खेल करने वाली कांग्रेस किसी बेबुनियाद मुद्दे पर जब इस तरीके के बात करती है तो उसके पीछे कोई ना कोई गुमराह करने वाली साजिश नजर आती है।

डॉ. पूनियां का कहना है कि, राजस्थान में बहुत सारे मुद्दे व मसले हैं जिन पर राजस्थान की जनता कभी भी मुख्यमंत्री निवास घेर सकती है, अपराध, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर राजस्थान की जनता सिर्फ कोरोना के कारण संयमित बैठी है, वरना कभी भी सड़कों पर आ सकती है।

कांग्रेस का यह पाखंड और उस पाखंड में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने जो अमर्यादित भाषा इस्तेमाल की है, यह कांग्रेस की परंपरागत भाषा है, ये अपने आपको संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर मानते हैं। 

प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व राज्यपाल के खिलाफ जो टिप्पणी की है, वह बेहद निंदनीय, अमर्यादित व अलोकतांत्रिक है, इससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी जब देश के नक्शे से सिमटनी शुरू हुई, इनके सभी बयानों को जोड़कर देखेंगे तो यह कांग्रेस के नेताओं की मानसिकता से सीधे-सीधे जुड़ा हुआ है।

डॉ. पूनियां का कहना है कि, कांग्रेस को सत्ता खोने व सत्ता जाने का भय और राजनीतिक जमीन खिसकने की आशंका, यह तमाम बातें विचलित करती हैं, मानसिक रूप से असंतुलित करती हैं, जनता इनकी घटिया मानसिकता को देख रही है, आने वाले दिनों में राजस्थान की जनता कांग्रेस पार्टी को इसका माकूल जवाब देगी। 

कांग्रेस अपने आपको इस बात के लिये तैयार कर रही है कि ना तो उनके हाथ में कभी सत्ता रहेगी, हो सकता है विपक्षी दल के दर्जे को भी तरस जायें।

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