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मंत्री धारीवाल ने किया करोड़ों का घोटाला, चहेतों को स्किल डेवलपमेंट के नाम पर आवंटन किये बंगले - किरोड़ी लाल मीणा

जयपुर। भाजपा सांसद डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल पर करोड़ों रुपयों के घोटाले का आरोप लगाया हैं। मीणा ने कहा कि स्किल डेवलपमेंट के नाम पर अपने चहेतों को बंगले आवंटित किए जा रहें हैं साथ ही इसमें पुनर्निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए काले धन का उपयोग किया जा रहा है। किरोड़ी लाल मीणा गुरुवार को अचानक NRI कॉलोनी (राजआँगन ) पहुँचे। डॉ मीणा ने तथ्यों के साथ आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने चहेतों को राज आँगन कॉलोनी में भ्रष्टाचार से आवंटन कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया। राजधानी में खुले आम भ्रष्टाचार से बंदरबाट जारी है। इस घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे खास मंत्री धारीवाल पूरी तरह लिप्त है। सांसद किरोडी लाल ने कहा कि अशोक गहलोत ने शांति धारीवाल को नगरीय विकास मंत्री जिस उद्देश्य से बनाया था वो लगभग पूरा हो ही गया जैसे:जमीनों का गलत आवंटन कर मोटी रकम एंठना, अपने मतलब के लोगों को बेकीमती जमीने आवंटन करना। किरोडी लाल ने कहा कि अपने विभागों जैसे जेडीए नगरनिगम, हाउसिंग बोर्ड में जो भ्रष्टाचार इन्होने फैलाया है और आम आदमी, व्यापारी का शोषण किया उसके कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हम आपके साथ सांझा करते है मंत्री धारीवाल पर डॉ किरोड़ी लाल का बड़ा आरोप…… हाउसिंग बोर्ड के खण्ड-3 की राज आंगन योजना, प्रतापनगर, सांगानेर मा० मंत्री शांति धारीवाल ने अपने खास व्यक्ति अश्विनी R. G मैमोरियल एज्यूकेशन सोसायटी कोटा को 2377.36 वर्ग मीटर जमीन दी है जिसकी कीमत 45 करोड़ है उस जमीन को मात्र 6 करोड़, 18 लाख रू0 में अपने खास व्यक्ति को (जो कोटा का रहने वाला है जिसका उद्देश्य कौशल विकास एवं शिक्षा के क्षेत्र के उद्देश्य को पूरा करने हेतु आवंटन कर दी जिस उद्देश्य से मंत्री ने यह बेशकीमती जमीन आवंटित की वहां वह कार्य नही होता वहां ना तो कौशल विकास का कार्य होता ना ही कोई शिक्षा का आवंटी ने वहां विशाल बंगला बना लिया है जहां देर रात तक शराब पार्टियां आये दिन चलती रहती है। • पहले इस जमीन को अलग संस्था में रजिस्टेशन कराकर आवंटन कराने की कोशिश की गई लेकिन वो पॉलिसी के नियमों में नही फिट हो रही थी क्योंकि उसके लिए 2500 मीटर की भूमि होना जरूरी था, फिर इसको वापिस बदलकर कौशल विकास में लगाकर आवंटन करा लिया। इस जमीन हेतु दिनांक 12.3.2020 आवेदन की फाईल लगाई गई जिसके आवंटन के लिए सभी अधिकारियों को एक ही जगह बुलाकर दिनांक 20.3.2020 को एक साथ विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नोटशीट पर 20 हस्ताक्षर किए, जो अवलोकनार्थ संलग्न है आखिर ऐसी क्या जल्दी थी जो नोट शीट पर एक साथ 20 हस्ताक्षर कराये गये, 45 दिन बाद फिर एक दिन इनके खास अधिकारियों की मीटिंग होती है और बाकी के हस्ताक्षर 13.5.2020 को एक ही साथ एक ही दिन में हो जाते हैं इस जमीन के आवंटन में लेन-देन की बात नही बनती है तो सात दिन बाद वो फाईल शांति धारीवाल के पास जाती है तो उनके द्वारा note sheet पर लिख दिया जाता है कि Not Allow नोटशीट अवलोकनार्थ संलग्न है पैसों की लेन-देन की मांग पूरी हो जाती है तो और एक महिने बाद ही 12 जून 2020 में जमीन को धारीवाल द्वारा आवंटन कर दिया गया, इसका क्या मतलब है ? मतलब धारीवाल ने 45 दिन बाद रद्द आवंटन को इस जल्दवाजी से कर करोड़ों के घोटाले का संकेत है। जगह को हाउसिंग बोर्ड के बड़े अधिकारी के लिए एशो-आराम करने के लिए बैठक बना लिया है जहां आये दिन पार्टिया चलती रहती है उसके लिए हाउसिंग बोर्ड के सभी नियमों को ताक में रखकर NRI के एरिया में मुख्य सड़क की ओर बंगले के लिए अलग से गेट निकाला गया। ग़ैर NRI इसमें बस कर सरकार के पुनर्निर्माण नियम का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है। पुनर्निर्माण की अगर जाँच हो तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा। IAS नीरज के पवन का सरकार की शह पर गेस्टहाउस पर क़ब्ज़ा- सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार के नौकर शाह नीरज के पवन जो की पूर्व में हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन थे, उन्होंने तानाशाही से आज भी NRI में गेस्ट हाउस पर क़ब्ज़ा किया हुआ है। जिसका मेंटेनेंस से लेकर बिजली का बिल भी हाउसिंग बोर्ड भर रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से माँग है की इस बड़े घोटाले की तुरंत जाँच करें और भ्रष्ट मंत्री धारीवाल को तुरंत पद से हटाकर, कार्यवाही करें।

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