राजस्थान में भजनलाल शर्मा को भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बना दिया है, किंतु आप में से चुनिंदा लोग ही जानते हैं कि भजनलाल को वास्तव में राजस्थान का चंद्रगुप्त बनाने वाले चाणक्य कौन हैं?
भजनलाल का राजनीतिक जीवन तो विद्यार्थी परिषद से ही शुरू हो गया था, जब डॉ. सतीश पूनियां के साथ युवा मोर्चा के पदाधिकारी बने थे। उसके बाद उन्होंने 2000 से 2005 तक सरपंच का कार्यकाल पूरा किया। फिर जिला परिषद के सदस्य भी बने। 2003 में उन्होंने टिकट नहीं मिलने पर भरतपुर की नदबई से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उनको 5969 वोट मिले और जमानत जब्त हो गई। जिसके बाद वो कभी चुनाव नहीं लड़े।
भाजपा के साथ जुड़कर भजनलाल शर्मा पहले जिला मंत्री बने, फिर जिलाध्यक्ष बने और 2014 में प्रदेश उपाध्यक्ष बने। इसके बाद 2016 में पहली बार महामंत्री बने और तब से लगातार पार्टी के महामंत्री हैं। वसुंधरा सरकार के आखिरी साल में जब चंद्रशेखर को संगठन महामंत्री बनाकर राजस्थान भेजा गया, तब भजनलाल शर्मा चंद्रशेखर के करीबी हो गए। तभी से भजनलाल पक्के तौर पर चंद्रशेखर के करीबी बनकर ही काम कर रहे हैं।
इस वर्ष जब विधानसभा के टिकट बांटने की बारी आई, तब भजनलाल ने भरतपुर से टिकट मांगा, लेकिन उनको वहां के बजाए सांगानेर सीट से उतारा गया। अशोक लाहोटी का टिकट कटने से उनके समर्थकों ने नाराजगी जताई, लेकिन संगठन ने उनको 48 हजार से ज्यादा वोटों से जिता दिया। सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है, जहां कोई भी जीत सकता है।
जीतने के बाद मोदी, शाह, नड्डा ने संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी से सीएम चेहरे के बारे में पूछा गया, जहां चंद्रशेखर ने भजनलाल शर्मा का नाम भेजा। उन्होंने दूसरा विकल्प ही नहीं भेजा। पीएम मोदी और अमित शाह ने चंद्रशेखर की बात को तवज्जो देते हुए पहली बार चुनकर आए भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर आम कार्यकर्ता में उम्मीदों को संचार किया है।
Post a Comment