मंत्री मीणा निभा रहे हैं विपक्ष की भूमिका



जयपुर। राजस्थान में सरकार बदले करीब साढ़े पांच माह का समय बीत चुका है, लेकिन इस दौरान लोकसभा चुनाव लड़ने के अलावा विपक्षी दल कांग्रेस ने किसी तरह का गतिरोध नहीं दिखाया है। एक तरह से विपक्ष की भूमिका निभाने का काम भी अब सरकार के ही मंत्री को करनी पड़ रही है। राज्य के कृषि एवं पंचायती राज मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा वो खुलासे कर रहे हैं, जो विपक्षी दल की ओर से करने चाहिए थे। 

डॉ. मीणा ने विभिन्न योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखे हैं। डॉ. मीणा ने अब तक चार पत्र लिखे हैं, जिसमें जल जीवन मिशन से लेकर पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के एकल पट्टा मामले में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जांच कराने व सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करने की मांग की है। डॉ. मीणा ने पहला पत्र 14 मई को लिखा, उसके बाद दूसरा पत्र 15 मई को, तीसरा पत्र 16 मई को और एक पत्र 17 मई को पीएम मोदी और सीएम शर्मा, दोनों को लिखा है। 

14 मई को लिखे पत्र में डॉ. मीणा ने ओल्ड एमआरईसी कैम्पस एवं गांधी नगर में बन रहे राजकीय कॉलोनी योजना को लेकर लिखा है। जिसमें सवाल उठाए गए हैं कि योजना पीपीपी मोड पर बन रही है, जिसमें 6 टॉवर बनाए जा रहे हैं। इनमें से 2 टॉवर निजी व्यक्तियों को विक्रय किए जाएंगे। इस योजना में कुल 298 आवास निर्मित होंगे, जिनमें से 108 आवास निजी हाथों में दिए जाएंगे। 

योजना को पांच साल में 277 करोड़ की आंकी गई थी, जबकि 218 करोड़ में पूरा किया गया है। पहले 8000 रुपये वर्गफीट रिजर्व प्राइज थी, लेकिन आज इसकी कीमत 25 हजार रुपये वर्गफीट है। ये आवास अति विशिष्ठ अतिथियों के आवागमन वाले वीआईपी सड़क पर बनाए गए हैं, जहां न्यायाधिपति रहते हैं। इस पत्र में पूरी योजना को सवालों में लिया गया है। 

ठीक इसी तरह से दूसरे पत्र में जल जीवन मिशन में हो रही गड़बड़ी का हवाला दिया गया है। जल जीवन मिशन में लगभग 20 हजार करोड़ के टेंडर्स में उंची दरों पर फर्मों को ठेके दिए जाने का आरोप लगाया गया है। इस योजना में गांवों में घटिया किस्म की पाइप लाइनें डाले जाने का आरोप लगाया गया है। डॉ. मीणा ने इस परियोजना में 1500 करोड़ के घपले की आशंका जताते हुए जांच कराने की मांग की है। 

तीसरे पत्र में राज्य भण्डार निगम में अरबों रुपयों के घपले की आशंका जताते हुए टेंडर निरस्त करने और उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। यह घपला 2020 के दौरान हुए टेंडर में बताया गया है, जो कल्पतरू समूह की श्री शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड व ओरिगो कंपनी के साथ एमओयू में किया गया था। चौथा पत्र डॉ. मीणा ने पीएम मोदी को लिखा है, जिसकी एक कॉपी सीएम शर्मा को भी भेजी गई है। 

यह पत्र पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को एकल पट्टा प्रकरण में अधिकारियों की साजिश से बरी किए जाने को लेकर लिखा है। इस 500 करोड़ के घोटाले में धारीवाल के अलावा जीएस संधु,  निष्काम दिवाकर, ओंकार मल सैनी एवं भूमाफिया शैलेंद्र गर्ग व अन्य मुख्य आरोपी थे। जिनको गहलोत की सरकार ने कमजोर पैरवी के जरिए आखिरी दिनों में सुप्रीम कोर्ट में बरी होने का अवसर दिया था।

इस तरह से देखा जाए तो जो काम कांग्रेस को करने चाहिए थे, वो काम मंत्री डॉ. मीणा कर रहे हैं, जबकि विपक्ष की ओर से आज भी पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच शब्दबाणों के जरिए शीतयुद्ध चल रहा है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी अध्यक्ष की भूमिका में सरकार के खिलाफ कुछ कर पाने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

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