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पेपर चोर टॉपर्स पकड़े, फिर भर्ती रद्द क्यों नहीं?



अशोक गहलोत की सरकार में हर भर्ती परीक्षा के पेपर चोरी हुए। यहां तक की विवि की परीक्षाओं के पेपर भी चोरी हो गए। आरपीएससी द्वारा आयोजित आरएएस और एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर खूब बेचे गए। 

भाजपा ने विपक्ष में रहते दावा किया कि सत्ता में आते ही इसकी सीबीआई जांच करवाई जाएगी, लेकिन जांच एसओजी कर रही है। आरपीएससी भंग करने का भी दम भरा गया, लेकिन 9 महीनों बाद भी कुछ नहीं बदला है। 

एसआई भर्ती के टॉप 10 में से 9 को एसओजी पकड़ चुकी है, इसके अलावा भी कई पेपर चोर सलाखों के पीछे हैं। बेरोजगार लगातार भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार टस से मस नहीं हो रही है। एसओजी को बड़े पैमाने पर पेपर लीक के दर्जनों सबूत मिल चुके हैं, लेकिन भर्ती रद्द नहीं की जा रही है। 

मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव और मंत्रियों से लेकर अधिकारी, कोई भी इस मामले में बोल नहीं रहा है। सवाल यह उठता है कि क्या पेपर चोरी में सरकार के खास लोग शामिल हैं, इसलिए उनको बचाने का प्रयास किया जा रहा है? 

लोकसभा चुनाव होने तक भाजपा सरकार ने खूब वाहवाही लूटी, लेकिन उसके बाद से फोरी कार्यवाही कर इतिश्री की जा रही है। अब उपचुनाव नजदीक आ रहे हैं तो मामले को फिर से हवा दी जा रही है, लेकिन आरपीएससी भंग करने पर सरकार चुप है। आखिर क्या कारण है कि भाजपा अपने ही वादों से मुकर रही है?

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