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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व राजपरिवार का सबसे बड़ा विवाद निपटाया

 

रामगोपाल जाट 

एक सामान्य कार्यकर्ता से विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने भजनलाल शर्मा ने हस्तक्षेप कर पूर्व राजपरिवार में दो गुटों के बीच हुए विवाद को सुलझाने का काम कर दिया। उन्होंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पूर्व राजपरिवार “मेवाड़ राजघराने” के बीच हुए प्रकरण को महज दो दिन के भीतर समाप्त करवा दिया है।

इसके कारण मेवाड़ में पूर्व राजपरिवार में संपत्ति को लेकर उपजे विवाद पर फ़िलहाल के लिए अल्पविराम लग गया है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य और नाथद्वारा के बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने बुधवार शाम को उदयपुर सिटी पैलेस के भीतर धूणी दर्शन किए। उससे पहले उन्होंने सुबह एकलिंगनाथ जी के दर्शन किए थे. इसके साथ ही महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच अचानक शुरू हुआ विवाद फिलहाल के लिए थम गया है। 

विवाद तब शुरू हुआ था जब सोमवार को विश्वराज सिंह के राजतिलक की रस्म के बाद उन्होंने एकलिंगनाथ जी मंदिर और धूणी दर्शन करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह के भाई अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने चित्तौड़गढ़ किले के द्वार बंद कर दिए थे। उसके बाद रात 2 बजे तक विश्वराज सिंह अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे।

दरअसल, इस पूर्व राजपरिवार में करीब चार दशक से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। महेंद्र सिंह, अरविंद सिंह दो भाई हैं जो खुद को मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार का असली वंशज बताते हैं। पिछले दिनों महेंद्र सिंह का निधन होने के बाद विश्वराज सिंह ने अपने को महाराणा घोषित कर दिया था और सोमवार को राजतिलक की परंपरा का निर्वहन किया था। 

जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल के अनुसार इस मामले में सरकार ने हस्तक्षेप किया और बढ़ते विवाद को थामने के लिए जयपुर एसीएस होम अभय कुमार, रेंज आईजी राजेश मीणा और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था को उदयपुर भेजा। तीनों अधिकारियों ने लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ 8-10 बैठकें कर उनको मनाने का काम किया। उसके बाद विश्वराज सिंह ने धूणी के दर्शन किए। इसके साथ ही मेवाड़ राजघराने के बीच दो दिन से चल रहा उच्च स्तरीय विवाद फिलहाल शांत हो गया है। 

गौरतलब है कि विश्वराज सिंह नाथद्वारा से बीजेपी के विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा कुमारी राजसमंद लोकसभा सीट से बीजेपी की सांसद हैं। लक्ष्यराज सिंह को पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति दी थी। ऐसे में लक्ष्यराज सिंह को कांग्रेस नेता माना जाता है। 

बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह और सांसद महिमा कुमारी का कांग्रेस नेता माने जाने वाले उनके प्रतिद्वंदी लक्ष्यराज सिंह के मध्य विवाद होने का जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पता चला तो उन्होंने इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए पुलिस और प्रशासन को सख्त निर्देश देकर मामला शांत कराने को कहा। पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच बड़ा विवाद खत्म कराने के कारण सीएम भजनलाल शर्मा का कद बढ़ेगा। 

उल्लेखनीय बात यह भी है कि पिछले दिनों राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को 5 सीटों पर जीत मिली है, जिसके कारण उनके क़द में वृद्धि हुई है। अब बड़ा विवाद महज़ दो दिन में ख़त्म करने के कारण भजनलाल शर्मा की स्वीकार्यता में और वृद्धि हुई है। 

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