कांग्रेस सरकार अपने ही नौकरशाहों के सम्मुख मौन व्रत का ढोंग कर रही है: राठौड़

 राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा पहले 5 अक्टूबर को जयपुर में कलेक्ट्रेट से पीसीसी तक पैदल मार्च और 7 अक्टूबर को भरतपुर में यूपी बॉर्डर के पास नौटंकीपूर्ण प्रदर्शन करने के बाद आज एक बार पुनः राजधानी जयपुर में कांग्रेस पार्टी द्वारा नाटकीय घटनाक्रम के तहत मौन व्रत का ढोंग अपने ही नौकरशाहों के सम्मुख किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

राठौड़ ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस सरकार द्वारा जयपुर में मौन व्रत का जो नाटक किया गया वो घडियाली आंसू बहाने के जैसा है। 

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगने की बजाय राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत जी को प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे अपराधों की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

राठौड़ ने कहा कि अपराधों की दृष्टि से देशभर में अव्वल राजस्थान में कांग्रेस सरकार पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था को तो ठीक से संभाल लें फिर जाकर पड़ोसी राज्य के हालातों पर चिंता व्यक्त करें। 

बीकानेर में कांग्रेस नेता को सरेराह बेरहमी से पीटा गया और हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई जो राज्य की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित करती है। 

राठौड़ ने कहा कि लचर कानून व्यवस्था का फायदा अब पेपर माफिया भी उठा रहे हैं। हाल ही में आयोजित रीट भर्ती परीक्षा में हुई धांधली और पेपर लीक प्रकरण के मास्टरमाइंड बत्तीलाल मीणा के तार किन-किन लोगों से जुड़ें हैं इसका खुलासा सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए। 

रीट भर्ती परीक्षा में सरकारी स्तर पर बदइंतजामी और पेपर माफियाओं के राजनीतिक आकाओं के साथ गठजोड़ का ही परिणाम रहा कि सत्ता में बैठे लोगों द्वारा अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए लाखों अभ्यर्थियों के अरमानों के साथ खिलवाड़ किया गया और परीक्षा की पवित्रता को नष्ट करने का काम किया गया। 

सरकार को स्पष्ट करना चाहिए अगर रीट का पेपर आउट ही नहीं हुआ तो करीब 2 दर्जन सरकारी अधिकारियों/कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई?

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में लचर कानून व्यवस्था के कारण चारों तरफ दहशतगर्दी का माहौल व्याप्त है और राज्य में महिला, दलित, युवा, पुजारी, व्यापारी एक भी वर्ग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। 

एक ओर कांग्रेस पार्टी कांग्रेस शासित प्रदेशों में बढ़ते अपराधों को नजरअंदाज कर रही है वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के मुद्दों पर राजनीतिक ढोंग करने में लगी है। 

राज्य की मृत प्राय: हो चुकी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी के चलते कांग्रेस को पहले राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत जी से इस्तीफा मांगना चाहिए।

राठौड़ ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के बाद 2020 में फिर से देश में पहले पायदान पर है। 

राजस्थान में प्रतिदिन करीब 15 मामले रेप के सामने आना यह दर्शाता है कि राज्य में बहन-बेटियां बिल्कुल भी महफूज नहीं है। वहीं दलित अत्याचारों में राजस्थान का देश में तीसरे स्थान पर होने से स्पष्ट है कि प्रदेश में दलित वर्ग पर अत्याचार की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है। 

राठौड़ ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं और योगी सरकार उसकी तह तक जा रही है, कानून के तहत दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही कर रही है।

इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी लखीमपुर खीरी में हुई घटना को अवसरवाद की राजनीति में बदलकर नित नए विरोध-प्रदर्शन कर अपना अस्तित्व दिखाने की असफल कोशिश कर रही है।

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