बजरी माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करे सरकार,यूनियन देगी साथ वसूली के नाम पर नाजायज परेशान न करे प्रशासन

-7 दिन में समस्याओं का निस्तारण नहीं तो 17 मई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव* जयपुर। राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी सहित खनन,परिवहन और राजस्व मंत्री को ज्ञापन भेज बजरी सप्लाई में लगे ट्रक संचालकों के सामने आ रही परेशानियों से अवगत करवाया है। साथ ही चेतावनी दी है कि 7 दिन में ट्रक संचालकों की समस्याओं का सरकार की ओर से कोई निस्तारण नहीं निकाला गया तो 17 मई को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि सरकार, एल.ओ.आई. होल्डर्स व बजरी ट्रक आपरेटर्स के निरन्तर अथक प्रयासो के बाद बजरी का वैध खनन शुरू हुआ है उसके पश्चात भी कुछ गंभीर समास्याओ का निवारण नहीं हो पाया है। राज्य में भारी मात्रा में अवैध बजरी का खनन एवं परिवहन हो रहा है। जिसको रोकने के लिये विभागों के साथ-साथ स्वयं बजरी ट्रक ऑपरेटर और लीज धारक भी चिन्तित है ऐसे में कुछ अत्यावश्यक उपायों से इन पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। वैध बजरी खनन शुरू होने के पश्चचात खान विभाग द्वारा देवली से जयपुर आने वाली गाड़ियों के रवन्ना में वेलिडिटी टाईम 6 घण्टे दिये जा रहा है। गाड़िया दिये हुऐ समय में जयपुर तो पहुंच जाती है लेकिन आते ही कुछ गाड़िया ग्राहक के अभाव में खाली नहीं हो पाती और गाड़िया माल सहित खडी रह जाती है जिससे बची हुई गाड़िया के रवन्ने का समय खत्म हो जाता है और पुलिस व माइनिंग द्वारा गाड़ी को बन्द कर बजरी को अवैध बता दिया जाता है और जुर्माने के तौर पर गाडी मालिक से 2 लाख रूपये वसूल कर लिये जाते है जिससे गरीब गाड़ी मालिको को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। सरकार चाहे जो जी.पी.एस. के द्वारा जांच करने के बाद, दोषी पाये जाने पर ही गाड़ियों पर कार्यवाही के आदेश हों जिससे गरीब गाड़ी मालिकों को हो रहे भारी नुकसान से बचाया जा सकता है। बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी के जिला अध्यक्ष जसवंत सिंह मीणा ने बताया की आज पिकअप या अन्य छोटे वाहनों से बजरी की सप्लाई करने पर माइनिंग विभाग द्वारा 1,25,000 रूपये तक पेनल्टी वसूल की जाती है जिससे छोटे वाहन मालिक को भारी नुकसान हो रहा है। कुछ बजरी माफियाओं द्वारा बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है जिससे वैध बजरी ला रहे गाडी मालिको को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि लीज धारक द्वारा गाडी को अण्डरलोड बजरी दी जाती है और अवैध में चल रहे बजरी माफियाओं द्वारा बजरी का ओवरलोड परिवहन किया जाता है जिससे वह कम रेटों में बजरी बेच कर चले जाते है, क्योंकि अवैध बजरी माफिया को लीज राशि प्रिमियम, परमिट फीस, राॅयल्टी और जी.एस.टी. कुछ भी नहीं देना होता जिससे सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। एवं अवैध बजरी माफिया ओवर-लोडिंग की वजह से बजरी भी अधिक मात्रा मे लेकर आते है जबकि वैध बजरी परिवहन पर स्वाभाविक रूप से सभी प्रकार के कर देने होते हैं। सरकार बनाएं चैक पोस्ट,हमारी यूनियन देगी साथ राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि अवैध माईनिंग को रोकने के लिए पहले तो खनन क्षेत्रों से निकलने वाले मुख्य रास्तों और चोर रास्तों पर पर सरकार स्वंय के स्तर पर चैक पोस्ट स्थापित करे, जिसमें लीजधारक, पुलिसकर्मी एवं माईनिंग फोरमेन 24 घंटे के लिए रोटेशन के आधार पर तैनात रहे, ताकि अवैध बजरी परिवहन करने वाले वाहनो को जप्त किया जा सके। इसमें भी सरकार चाहे तो हमारी यूनियन के सदस्य 24 घंटे निशुल्क सेवा देने को तैयार है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर हो राजस्थान में भी व्यवस्था मध्यप्रदेश राज्य में ऐसी व्यवस्था है कि बजरी परिवहन करने वाले वाहनों को खनन, परिवहन, राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी निर्धारित चैकपोस्ट पर ही चैक कर सकते है, अन्यत्र नहीं। जबकि राजस्थान में जिले के ज्यादातर विभाग जैसे वन विभाग, प्रदूषण विभाग, राजस्व विभाग (पटवारी,तहसीलदार, एसडीएम) खनन विभाग, परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी एव कर्मचारी सभी अवैध वसूली कर रहे है जिससे राजस्थान में भी मध्यप्रदेश सरकार की तरह ऐसी व्यवस्था किया जाना निर्देशित किया जाये और अन्यत्र खान विभाग के अलावा दूसरे विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को जगह जगह रास्ते में चैक नहीं करने के स्पष्ट आदेश हो ताकि हो रहे भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले, परिणामस्वरूप स्वतः ही बजरी उचित दरों पर उपलब्ध हो जायेगी।

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