मोदी सरकार के आठ साल बेमिसाल

Ram Gopal Jat
भारत में अब तक केवल चार ही प्रधानमंत्री ऐसे हुए हैं, जिन्होंने 8 वर्ष या उससे अधिक कार्यकाल पूरा किया है। गैर कांग्रेसी केवल वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ऐसे पीएम हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। वैसे तो मोदी को सत्ता में कुल 21 साल हो चुके हैं, लेकिन बाकी के 13 साल वह गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं, उसके बाद आज ही के दिन 8 साल पहले उन्होंने देश के प्रधान सेवक की शपथ ली थी। आलोचनाएं बहुत होंगी, जो विपक्षी दलों के द्वारा खूब की जाती हैं और रचनात्मक विपक्ष के तौर पर की जाती हैं, तो उससे देश और देश के नागरिकों को लाभ भी मिलता है, लेकिन हर काम ​की केवल आलोचना करना ही लोकतंत्र का दुर्भाग्य बनता जा रहा है। एक दिन पहले ही ​जब मोदी जापान के टोक्यो में आयोजित तीसरे क्वाड शिखर सम्मेलन में इंडो पैसेफिक इकॉनोमिक फ्रेमवर्क कार्यक्रम की लॉन्चिंग कर भारत लौटे हैं, तब तक उनकी आलोचनाओं से सोशल मीडिया और एक विशेष प्रकार का मीडिया भरा पड़ा है, किंतु आज हम मोदी की पहली और दूसरी सरकार के 8 सालों की उन 8 उपलब्धियों की बात करेंगे, जो भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
पहली सबसे बड़ी योजना ऐसी रही, जो दुनिाभर में मिसाल बन गई। मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में जनधन योजना की शुरुआत की, जिसके तहत जिन लोगों के बैंकों में खाते नहीं थे, उनको जीरो बैलेंस पर खाता खोलने की शुरुआत हुई। इसके तहत मोदी सरकार ने देश की 24 करोड़ महिलाओं के खाते खोले। इन खातों में सरकार ने 2021 तक विभिन्न सरकारी लाभ वाली योजनाओं के 2 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किये। देश में अब मुश्किल ही कोई नागरिक होगा, जो इस योजना के तहत बैंक खाता धारक नहीं होगा। मोदी सरकार की इस योजना के तहत अमेरिका की कुल जनसंख्या से भी करीब 10 करोड़ अधिक बैंक खाते खोलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जन धन में कुल 44.23 करोड़ खाते खुले, जिनमें से 34.9 करोड़ खाते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और 8.05 करोड़ खाते क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में खोले गये हैं। इसके अलावा 1.28 करोड़ खाते निजी क्षेत्र के बैंकों में खोले गए हैं। साथ ही पीएमजेडीवाई के 31.28 करोड़ लाभार्थियों को रुपे कार्ड जारी किया गया है। विपक्ष ने इस योजना की आलोचना में कहा कि सरकार लोगों के पैसे बैंकों में डालकर खा जाना चाहती है, जबकि सरकार ने इन खातों में महिला—पुरुषों सहित करीब 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किये।
इसके बाद मोदी सरकार ने कालेधन पर स्ट्राइक करते हुए 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिये। इसका सकारात्मक प्रभाव यह हुआ कि 2020 तक आते आते भारत ने ओनलाइन ट्रांसफर के मामले में चीन के 25.4 अरब रुपये को पीछे छोड़कर 25.5 अरब के ओनलाइन ट्रांसफर का रिकॉर्ड बनाया। इस योजना से भारत ने डिजीटल भुगतान में ना केवल चीन को पीछे छोड़, बल्कि अमेरिका को भी पछाड़ दिया। आज भारत यूपीआई के जरिये दुनिया का सबसे बड़ा डिजीटल भुगतान करने वाला देश है, जहां अगले दो साल के भीतर डिजीटल पैमेंट का आंकड़ा 50 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा। पिछले दिनों क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिका ने भी अपने नये महात्वाकांक्षी हिंद प्रशांत आर्थिक संधि के मंच में डिजीटल भुगतान को प्रमुखता दी है। भारत का यूपीआई सिस्टम आज दुनिया के दर्जनों देशों के लिए डिजीटल भुगतान का माध्यम बन चुका है और विकसित देश भी इसको यूज लेने को आतुर दिखाई दे रहे हैं।
इसके बाद मोदी सरकार के होशलों पर सवार भारत की फौज ने पठानकोट हमले का बदला लेते हुए 28—29 सितंबर 2016 की आधी रात को पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की, जहां पर आतंकी कैंप्स को तबाह किया गया। पाकिस्तान फिर भी नहीं माना तो भारत की वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में ताबड़तोड़ बम वर्षा के द्वारा दर्जनों आतंकी कैंप बर्बाद कर पाकिस्तान को दिखा दिया कि अब यह नया भारत है, जो आतंकी हरकत करने पर घर में घुसकर मारता है। भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस एयर स्ट्राइक में जब भारत का विमान क्रेश होने से विंग कमांडर अभिनन्दन पाकिस्तानी आर्मी के हाथ लगे तो भारत के बजाए अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अभिनंदन को अगले 24 घंटे में सकुशल भारत वापस नहीं भेजा गया तो पाकिस्तान को तबाह होने से अमेरिका भी नहीं बचा पाएगा। घबराए पाकिस्तान ने ना केवल विंग कमांडर को सकुशल वापस पहुंचाया, बल्कि उसके बाद भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधि नहीं करने की कसम खा ली।
मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर, यानी जीएसटी लागू कर देश को आर्थिक तौर पर एक माला में पिरोने का काम किया। डीजल—पेट्रोल, शराब और प्राकृतिक गैस को छोड़कर सभी पर जीएसटी लागू कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि देश में टैक्स चोरी अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच रही है। देश को प्रति तिमाही में पिछली तिमाही से अधिक जीएसटी मिलना इस बात का प्रमाण है कि देश के निर्माण क्षेत्र में आ रहे परिवर्तन में जीएसटी की बड़ी भूमिका है। मार्च महीने में ही देश का जीएसटी कलेक्शन 1.42 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर से उपर पहुंच चुका है। इसी तरह से मोदी की दूसरी सरकार ने सबसे पहले एक अगस्त 2019 को संदस में तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने वाली कुप्रथा पर प्रहार किया। इसके चलते देश में तीन तलाक के 80 फीसदी केस कम हो गये। कानून बनने से पहले जहां अकेले यूपी में 63 हजार केस थे, तो तीन तलाक कानून बनने के बाद केवल 221 केस दर्ज हुये हैं। यह कानून मुस्लिम समाज की महिलाओं को न्याय दिलाने का सबसे बड़ा कदम साबित हो रहा है। अब कोई भी व्यक्ति पत्नी को एकसाथ 3 बार तलाक बोलकर अलग होने का काम करता है, तो उसको दस साल तक की सजा का प्रावधान है।
मोदी की दूसरी सरकार का दूसरा सबसे बड़ा कदम उठाया गया एक 5 अगस्त 2019 को, जब राष्ट्र के लिए सबसे अधिक जरुरी और सात दशक से देश की एकता में बाधक बने हुये धारा 370 एवं 35ए को खत्म करने काम किया। इसके हटते ही राज्य के दो टुकड़े कर लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। इसके कारण प्रदेश में आरटीआई जैसा कानून लागू हुआ और मनरेगा जैसी योजनाओं का फायदा मिलने लगा है। धारा 370 के खात्मे के साथ ही राज्य में देशभर से निवेश बढ़ने लगा है, प्रदेश में पर्यटक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के जरिये केंद्र सरकार ने सितंबर 2019 तक देश की 8 करोड़ महिलाओं को धुयें के चुल्हे से मुक्ति् दिलाने के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे, इस योजना के कारण देश के गांव—गांव में गैस का चुल्हा जलने लगा, जहां पर कभी कल्पना करना भी मुश्किल था। हाल ही में सरकार ने इन गैस कनेक्शन पर 200 रुपये सिलेंडर की सब्सिडी शुरू की है।
10 अगस्त 2020 को सरकार ने नागरिकता संसोधन बिल को कानून बनाने का काम किया। इस​के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में प्रत्याड़ित होने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इस कानून के बनने से इन तीन देशों के लाखों नागरिकों ने भारत की नागरिकता हासिल की है, और यह सिलसिला अनवरत जारी है। मोदी सरकार ने 1 अप्रैल 2020 को देश के 10 बड़े बैंकों का एकीकरण किया। इस योजना से देश में सार्वजनिक क्षेत्र के चार बड़े बैंक बनाने की योजना है, ताकि देश में एकता लाई जा जा सके। इसके कारण देश में बैंकों का खर्च घटेगा, उनका मुनाफा बढ़ेगा, ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और बैंक सस्ता व अधिक ऋण दे सकेंगे, जिससे छोटे छोटे नये उद्योग स्थापित होंगे।
इसी तरह से सरकार ने 19 नवंबर 2021 को कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव के लिए तीन कृषि कानून पास किये, लेकिन इसको लेकर 13 महिनों तक कथित किसान संगठनों ने आंदोलन किया। इस आंदोलन की आड़ में जब पंजाब में अलगाववादी ताकतें सिर उठाने लगीं और देश के खिलाफ षड्यंत्र करने की खूफिया जानकारियां सामने आईं तो सरकार ने देश की एकता व अखड़ंता के लिए तीनों कृषि कानून वापस लेकर दिखा दिया कि मोदी सरकार केवल जिद्दी नहीं है, यह सरकार राष्ट्र के लिए कानून बना सकती है, तो देशहित में वापस भी ले सकती है। कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान दुनिया में सबसे पहले वैक्सीन का टीका लगाना शुरू कर विश्व को दिखा दिया कि अब भारत किसी का पिछलग्गू नहीं है। सरकार ने एक दिन में 2.5 करोड़ टीके लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। अब तक भारत में करीब 200 करोड़ टीके लगाये जा चुके हैं, जो दुनिया में किसी भी देश से अधिक हैं। इसके साथ गरीब देशों को वैक्सीन सप्लाई कर मानव धर्म निभाने का काम भी केंद्र सरकार ने किया है।
किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के प्रत्येक किसानों के खातों में प्रतिवर्ष 6000 रुयये ट्रांसफर करने का काम फरवरी 2019 में शुरू किया गया। यह योजना 2021—22 तक 11.11 करोड़ किसानों को लाभांवित कर रही है। योजना के तहत किसानों को अब तक का सबसे बड़ा और बैंक ट्रांसफर सीधा लाभ मिला है। इसी तरह से स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा की योजना शुरू की, जिसमें मार्च 2022 तक कुल 3.11 करोड़ मरीज उपचार करवा चुके हैं। यह योजना इस तरह की अपने आप में पूरी दुनिया की पहली और अनूठी योजना है।

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