कॉन्स्टेबल भर्ती के सभी पेपर लीक, टीसीएस ने की सरकार से मिलीभगत, लाखों भविष्य के साथ खिलवाड़

-सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दस्तावेजों के साथ खोली पोल। परीक्षा आयोजन में नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा दी टीसीएस कंपनी ने -सरकार ने परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी दी उस कंपनी को जिसका काला इतिहास -आगामी रीट का जिम्मा भी टीसीएस के पास, आखिर कैसे होगी साफ-सुथरी परीक्षा -टीसीएस के खिलाफ अन्य परीक्षाओं में घपले पर सीबीआई जांच भी चल रही है -पूरी भर्ती परीक्षा प्राइवेट हाथों में, CBI जाँच हो.. जयपुर। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद अब पूरी परीक्षा पर सवालिया निशान लग गया है। सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया है कि भर्ती परीक्षा में सिर्फ 1 दिन का नहीं, सभी दिन के पेपर लीक थे। परीक्षा आयोजन किस जिम्मेदारी निभाने वाली टीसीएस कंपनी में नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए सरकार से मिलीभगत की। डॉक्टर मीणा का कहना है कि आगामी रीट परीक्षा का जिम्मा भी इसी कंपनी के पास है, ऐसे में राजस्थान के करोड़ों युवाओं के भविष्य का अंदाजा लगाया जा सकता है। डॉक्टर मीणा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने एक के बाद एक दस्तावेज रखे। उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक की सूत्रधार वही कंपनी है जिनके पास परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी थी। टीसीएस कंपनी के दागदार इतिहास के बावजूद सरकार ने इसे परीक्षा का जिम्मा सौंप कर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कंपनी के राजस्थान हेड भुवनेश भार्गव कोटा के रहने वाले हैं। डॉक्टर मीणा ने आरोप लगाया कि राज्य के एक कैबिनेट मंत्री का उन्हें वरद हस्त है। डॉक्टर मीणा ने कहा कि झोटवाड़ा के दिवाकर उच्च माध्यमिक विद्यालय में महज ढाई सौ परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता है, लेकिन यहां पर मिलीभगत कर 300 से ज्यादा परीक्षार्थियों को बैठा दिया गया। यह परीक्षा केंद्र कर्मचारी चयन बोर्ड और आरपीएससी की परीक्षाओं के लिए पहले से ब्लैक लिस्टेड है। डॉक्टर मीणा ने आरोप लगाया कि कंपनी ने महज ₹15000 में परीक्षा से 15 दिन पहले संविदा पर कई कर्मचारियों को हायर कर लिया और आनन-फानन में उन्हीं ऑब्जर्वर और अन्य पदों पर लगाते हुए परीक्षा करवा दी। टीसीएस कंपनी ने परीक्षा से पहले सरकार से यह शर्त रख दी की परीक्षा में किसी भी प्रकार से दूसरा हस्तक्षेप नहीं होगा। वे खुद ही परीक्षा केंद्रों का चुनाव करेंगे और परीक्षा करवाएंगे। ऐसे में पूरी परीक्षा को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया। डॉक्टर मीणा ने कहा कि यह वही टीसीएस कंपनी है जिसने दिल्ली कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2020 आयोजित की थी। इसमें कोटा के एक परीक्षा केंद्र हरि ओम कोठारी कॉलेज सेंटर से एक साथ 226 अभ्यर्थियों का चयन हो गया। इनका चयन निरस्त कर दिया गया और सीबीआई जांच जारी है। टीसीएस कंपनी ने करवाई ये परीक्षाएं दागदार - -आईआईटी, jee भर्ती परीक्षा 2021 की सीबीआई जांच। -राजस्थान जेल प्रहरी 2018 परीक्षा। परीक्षा रद्द हुई और जांच एसओजी को। -सरस डेयरी जयपुर भर्ती परीक्षा 2021। विवादों में। -रेलवे भर्ती परीक्षा 2018, एसओजी ने कंपनी के कई अधिकारी कर्मचारियों को धर दबोचा। अजय शर्मा, सुभाष शर्मा से एसओजी ने पूछताछ की थी। इन्हेरीट भर्ती परीक्षा में धांधली पर गिरफ्तार किया जा चुका है। धांधली पर धांधली और रीट की जिम्मेदारी भी- टीसीएस कंपनी को लगातार धांधलीयों के बावजूद 23 और 24 जुलाई को होने वाली राज्य की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक रीट की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। डॉक्टर मीणा ने आरोप लगाया की सब कुछ जानते हुए सरकार आखिर लाखों बच्चों के साथ विश्वासघात क्यों कर रही है? ------------- चेतावनी के बावजूद अलर्ट नहीं हुई सरकार, ऐसे बिखर गए युवाओं के सपने- कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के चारों दिन होने वाले प्रश्न पत्र सुनियोजित रूप से आउट हुए। डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि 13 तारीख को जो पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हुआ उसका सूत्रधार कंपनी का जयपुर शहर हेड मृत्युंजय है जो बिहार का रहने वाला है। इसके बिहार के ही एक बड़े पुलिस अधिकारी जो राजस्थान सरकार में नियुक्त हैं उन से करीबी संबंध है। 14 तारीख के प्रश्न पत्र को लेकर मैंने पहले ही ट्वीट कर दिया था जिस की परीक्षा रद्द की जा चुकी है। 15 तारीख को हुई परीक्षा का पेपर भी वायरल हो गया था। यह पेपर व्हाट्सएप पर 13 तारीख को ही आ गया था, जिसके प्रमाण मैंने मीडिया को दिए। अंतिम दिन का पेपर भी लिख था। पुलिस ने संदीप यादव नाम के परीक्षार्थी से 142 प्रश्नों के उत्तर लिखित में बरामद किए।

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