पाकिस्तान के हो जायेंगे तीन टुकड़े

Ram Gopal Jat
पाकिस्तान के हालात बेहद खराब हो गये हैं। एक तरफ जहां पड़ौसी मुल्क की इकॉनो​मी पूरी तरह से क्रेस कर गई है तो विदेशों से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में करीब दो माह पहले ही प्रधानमंत्री पद से हटाये इमरान खान ने यह बयान देकर पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है​ कि पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जायेंगे और उससे परमाणु देश का दर्जा भी छीन लिया जायेगा। आखिर क्यों पाकिस्तान में ऐसे हालात हैं, और क्या इसकी संभावना है कि पाकिस्तान टुकड़ों में बंट जायेगा और उसके परमाणु दर्जे को भी छीन लिया जायेगा। इससे पहले यह जानना जरुरी है कि आखिरी इमरान खान ने वास्तव में कहा क्या है? इमरान खान ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुये वहां की जनता, सेना और सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तानी सेना 'सही फैसला' नहीं लेती है, तो पाकिस्तान तीन हिस्सों में टूट जाएगा। अगर सेना सही फैसले नहीं करती है, तो पाकिस्तान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और इसके अस्तित्व पर गंभीर संकट होगा। "सही निर्णय" नहीं लिए गए तो देश "आत्महत्या" के कगार पर है और यह पूरी तरह से दिवालिया हो जाएगा। वास्तविक समस्या पाकिस्तान और सेना की है। यदि फौज सही निर्णय नहीं लेती है, तो पूरे पाकिस्तान को नष्ट कर दिया जाएगा और पाकिस्तानी सेना को सबसे पहले नष्ट किया जाएगा। क्योंकि पाकिस्तान की आर्मी के पास पैसे नहीं है, उसको कर्जा चुकाने के लिये कर्जा लेना पड़ रहा है और अब तो पाकिस्तान को कर्जा मिलना भी बंद हो चुका है।
जैसे ही एक बार पाकिस्तान डिफॉल्टर होता है, तो पूरी दुनिया पाकिस्तान को परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ बढ़ने के लिए कहेगी, जैसा की यूक्रेन में 1990 के दशक में किया गया था और यही पाकिस्तान के दुश्मन चाहते हैं। इमरान ने भारत पर आरोप लगाते हुये कहा है कि विदेश में भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्तान, पीओके और गिलगिट को अलग करने पर विचार कर रहे हैं, यह उनकी प्लानिंग है। पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार "हर तरह से" संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और इजरायल को खुश करने के लिए काम कर रही है। यदि समय रहते पाकिस्तान में सेना ने सही फैसला नहीं लिया तो मौजूदा सरकार के सारे गठबंधन साथी देश को बर्बाद कर देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान की निंदा करते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि केवल मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति ही इस तरह से बात कर सकता है। वह जिस समय टर्की में समझौते पर हस्ताक्षर कर अपने देश को बचाने के लिये प्रयास कर रहे हैं, ऐसे समय में इमरान खान देश को गृहयुद्ध के लिये उकसा रहे हैं। इससे पहले भी इमरान खान ने एक बार कहा था कि पाकिस्तान पर परमाणु बम गिरा दिया गया है, उन्होंने लोगों से सरकार के साथ असहयोग आंदोलन शुरू करने और हुंडी के माध्यम से पैसे भेजने की भी अपील की। अब इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई करने का समय आ गया है, सुप्रीम कोर्ट ने आजादी मार्च को लेकर अपने आदेश के उल्लंघन के संबंध में रिपोर्ट मांगी है, इसलिए उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट जैसे संस्थान भी उनके खिलाफ अपनी भूमिका निभाएंगे।
अब बात करते हैं कि वास्तव में पाकिस्तान के क्या तीन टुकड़े हो सकते हैं? क्या इमरान खान के अनुसार पाकिस्तान का परमाणु दर्जा भी छीना जा सकता है और क्या भारत, अमेरिका व इस्राइल मिलकर ऐसा कर रहे हैं? अपने इंटरव्यू से पहले ही इमरान खान ने कहा था कि यदि सरकार नहीं बदली और सेना मजबूत नहीं होगी तो गृहयुद्ध हो जायेगा और इसकी प्लांनिंग भारत, अमेरिका और इस्राइल मिलकर कर रहे हैं। अब समझना होगा कि इमरान खान की बात में दम क्यों नजर आ रहा है? असल बात यह है कि वर्तमान में पाकिस्तान की सरकार लगभग कंगाल हो चुकी है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर है, और आयात करने के लिये डॉलर नहीं बचा है। इस समय पाकिस्तान को केवल चीन, यूएई और टर्की से ही सहायता की उम्मीद बची है। पाकिस्तान में रुपया डॉलर के मुकाबले 200 तक पहुंच चुका है। इस वक्त टर्की के साथ पाकिस्तान करार तो कर रहा है, लेकिन टर्की खुद ही विश्व में सर्वाधिक 70 फीसदी महंगाई की दर झेल रहा है। ऐसे में टर्की कितना सहयोग कर पायेगा, यह तो अपने आप में ही एक सवाल है? आईएमएफ, चीन, यूएई और अमेरिका ने साफ तौर पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद से इनकर कर दिया है। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि निकट भविष्य में पाकिस्तान कंगाली की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। भारत के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक तिहाई रह गई है, तो पट्रोल 400 रुपये लीटर तक बिक गया है। पिछले दिनों ही सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपये और बिजली भी 7 रुपये यूनिट महंगी कर चुकी है और अभी भी आईएमएफ की शर्तों में आने के लिये सभी तरह की सब्सिडी खत्म करनी होगी।
असल में इमरान खान सरकार ने अपने आखिरी दिनों में रूस को पत्र लिखकर भारत की तरह सस्ता तेल खरीदने की अपील की थी, जिसका लेकर रूस ने कोई जवाब नहीं दिया, इसका मतलब रूस को तेल नहीं बेचना है। इमरान खान का कहना है कि उनकी रूस के साथ वार्ता चल रही थी, लेकिन वर्तमान सरकार की रूस के साथ कोई बात नहीं हो रही है। इस बीच रूस के विदेश मंत्री ने साफ किया है कि जिस तरह से कच्चा तेल भारत को दिया जा रहा है, वैसा पाकिस्तान को नहीं दिया जायेगा, इसके बारे में कभी विचार ही नहीं किया गया है। इधर, भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान बीते तीन माह में 1.80 अरब डॉलर का सस्ता तेल खरीदा है, जिसकी कीमत करीब 70 डॉलर प्रति बैरल रही है, जबकि दुनिया में कच्चे तेल के भाव 115 डॉलर से उपर हैं। पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब है, तो जिसके कारण पाकिस्तान की जनता के सामने भूखे मरने की नौबत आने वाली है। इसके कारण ही इमरान खान ने गृहयुद्ध होने की संभावना जताई है। पिछले दिनों चुनाव कराने की घोषणा को लेकर इमरान खान ने लॉंग मार्च किया था, जिसमें पुलिस और सेना के द्वारा बेरहमी से मारपीट की गई और गोलीबारी हुई, जिसमें करीब 100 लोगों को गोली लगी थी। इमरान खान ने उसके बाद 6 दिन का समय दिया था, लेकिन अभी वह सुप्रीम कोर्ट के फाइनल निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।
शाहबाज शरीफ सरकार के ताजा पाकिस्तानी बजट में बलूचिस्तान, गिलगिट—बाल्टिस्तान और पीओके के हक में से कटौती कर दी गई है। जिसके कारण वहां के लोगों में भारी गुस्सा है। इसलिये पाकिस्तान आर्थिक तौर पर बर्बाद हो रहा है, जिसके चलते पाकिस्तानी सेना के पास खर्चे को पैसा नहीं है, जो इमरान खान की बात को सही साबित करता है कि ऐसे हालात में यदि गृहयुद्ध होता है तो पाकिस्तानी सेना भी विद्रोह कर सकती है। सेना ने विद्रोह किया तो देश के तीन टुकड़े होने तय हैं।
वैसे तो पाकिस्तान हमेशा ही आरोप लगाता रहता है कि भारत के द्वारा उसके तीन टुकड़े करने का खेल किया जा रहा है, लेकिन इस बात जिस तरह से सत्ता से बेदखल हुये प्रधानमंत्री ने खुलेआम कहा है कि तीन टुकड़े हो जायेंगे और उसका परमाणु दर्जा भी भारत, अमेरिका व इस्राइल द्वारा छीन लिया जायेगा, यह बयान पाकिस्तान के लिये आंखें खोलने वाला है। इमरान खान की चेतावनी को भले ही शाहबाज शरीफ 'बिल्ली को आता देख कबतूर द्वारा आंखों बंद' करने की स्टाइल में झुठलाने का प्रयास करें, लेकिन हाल ही में श्रीलंका कंगाल हो चुका है, जहां भी चीन से कर्जा लेकर सरकार पांच साल से खर्चा चला रही थी। अब यही हालात पाकिस्तान में हो रहे हैं। वह चीन के कर्जजाल में बुरी तरह से फंसा हुआ है, जबकि आईएमएफ जैसी वैश्विक संस्थाओं ने लोन देने से इनकार कर दिया है। इसलिये इस बात को कोई भी मान सकता है कि पाकिस्तान के आने वाले दिनों में तीन टुकड़े हो जायेंगे और उसका परमाणु देश का दर्जा भी भारत, अमेरिका और इस्राइल जैसे देश मिलकर छीन लेंगे।

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