मुख्यमंत्री छोटी मछलियों पर कार्रवाई का दिखावा कर लीपापोती में जुटे हैं: मीणा



—ED की छापेमारी से अशोक गहलोत को घबराहट, खुद के घर तक जांच का डर




पेपर लीक मामले में ईडी ने सोमवार को प्रदेश के जयपुर, अजमेर समेत 28 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें भुपेंद्र सारण, बाबूलाल कटारा, उसके बेटे, ठेकेदार समेत कई लोगों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की है। ईडी की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घबराहट होने लगी है। गहलोत ने कहा है कि जब राज्य की एसीबी जांच कर रही थी और ईडी को आने की क्या जरुरत थी? गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि अब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिये राज्य में ईडी और सीबीआई की एंट्री हो रही है। दरअसल, भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने पेपर लीक मामले की ईडी को शिकायत की थी, जिसके बाद यह पहले बड़ी छापेमारी है। 


'मीणा ने कहा है​ कि इससे युवा बेरोजगारों के सपनों को बेचने वाले नकल माफिया दहशत में है। अब तक इन्हें संरक्षण दे रही राज्य सरकार को भी डर सता रहा है कि सच सामने आ गया तो खुद को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री की पोल खुल जाएगी।' 


'मैंने सबूतों के साथ खुलासा किया कि पूरा भर्ती तंत्र नकल माफिया के चंगुल में है। एक भी भर्ती ऐसी नहीं हुई, जिसमें नकल न हुई हो। मैंने बार-बार मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच के निवेदन किया। उन्होंने इस मांग को नहीं माना, क्योंकि सरकार ही शीर्ष स्तर पर पेपर लीक में शामिल है।'


'मुख्यमंत्री छोटी मछलियों पर कार्रवाई का दिखावा कर लीपापोती में जुटे हैं, लेकिन बड़े मगरमच्छ पकड़ से दूर हैं। सुरेश ढाका कई बड़े मगरमच्छों का राजदार है, इसलिए एसओजी उसे पकड़ नहीं रही, लेकिन अब ईडी पूरा पर्दाफाश कर देगी। मुंह से खाए को नाक से निकाल लेगी।'


गौरतलब है कि ईडी की छापेमारी के बात यह बात पुख्ता हो जाती है कि राज्य में पेपर माफिया के तार बड़े लोगों तक जुड़े हैं। इसके साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी दावा किया था कि पेपर लीक का मामला इतने छोटे लोगों तक का काम नहीं है, इसमें कुछ बड़ी म​छलियां पकड़ में आयेंगी। 


उल्लेखनीय बात यह है कि राज्य में एक भी परीक्षा ऐसी नहीं रही है, जिसमें पेपर लीक होने के आरोप नहीं लगे हो। इसके बाद भी सरकार ने कई भर्ती परीक्षाओं को पूरा कर दिया, जबकि रीट की परीक्षा के दोनों पेपर लीक होने पर भी एक ही लेवल की परीक्षा रद्द की थी, जिसके बाद कई गंभीर सवाल उठे थे। पिछले दिनों एसआई भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी हुआ है, जिसके साक्षात्कार में आरपीएससी के मैम्बर होने के नाते बाबूलाल कटारा खुद शामिल था। 


इसी तरह से सैकंड ग्रेड के एग्जाम के 6 सेट अपने साथ ले जाने की बात भी बाबूलाल कटारा के साथ प्रुव हो चुकी है, फिर भी केवल एक ही विषय की परीक्षा रद्द की गई थी। मीणा और बेनीवाल लंबे समय से इन तमाम परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। 


राज्य में पर्वतन निदेशालय की एंट्री के बाद अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जांच पूर्ण ईमानदारी से होगी और उसके कारण बड़े पदों पर बैठी मोटी मछलियों तक जांच की जायेगी। शायद यही वजह है कि गहलोत ने राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर दी है। 

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