378 दिन बाद किसान अपने घर रवाना, सभी मांगें मानी गईं

रामगोपाल जाट
26 नवम्बर 2020 को शुरू हुआ किसान आंदोलन विश्व का सबसे बड़ा किसान आंदोलन बनने के बाद 9 दिसम्बर 2021 को 378 दिन बाद अंततः समाप्त हो गया।

किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा अपने सभी मांगे मान लिए जाने के बाद निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 1 वर्ष से बाद, या यूं कहें कि 378 दिनों तक चले आ रहे अपने आंदोलन को समाप्त करने की गुरुवार को घोषणा कर दी।

सरकार द्वारा मांगी गई मांगों में विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमों को वापस लिया जाए और आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों को क्षतिपूर्ति राशि देना शामिल है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सभी तीनों सीमाओं को खाली करके अपने अपने घरों को लौट जाएंगे।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट किया एसकेएम राष्ट्रीय राजमार्गों में स्थित दिल्ली की सीमाओं और अन्य स्थलों पर अपना मोर्चा खाली करने की औपचारिक घोषणा करता है तथा वर्तमान आंदोलन निरस्त किया जाता है, युद्ध जीत लिया गया है और किसान हितों को सुनिश्चित करने की लड़ाई जारी रहेगी।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकार गुरुवार को अपने अंतिम पत्र में व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह भविष्य का मार्ग तय करने के लिए 15 जनवरी को दिल्ली में मीटिंग करेगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है किसानों के सत्याग्रह को सलाम उन्होंने आगे काहे की इस सफल संघर्ष में सत्य की जीत हुई है और हम सहित किसानों का स्मरण करते हैं।

केंद्रीय कृषि सचिव से प्राप्त एक औपचारिक पत्र मिलने के बाद जिसमें कई लंबित मांगों पर सहमति जताई गई है इस प्रकरण का पटाक्षेप हो गया है। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि लड़ाई जीत ली गई है और किसान हित खासकर सभी किसानों के लिए वैधानिक रूप से मिनिमम सपोर्ट प्राइस की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने संघर्ष के शानदार ऐतिहासिक जीत की सराहना की, जिसमें लखीमपुर घटना सीट कुल 715 जवान शहीद हुए उसने कहा कि इस जीत में किसानों की एकता और शांति और धैर्य ने प्रमुख भूमिका निभाई तथा इसे किसी भी सूरत में कम नहीं होने दिया जाएगा। क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा चौकन्ना रहने और वादों को पूरा किया जाना सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से निर्णय लेता है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनके सहयोगियों की दर्दनाक मौत पर राष्ट्रव्यापी शौक को देखते हुए एवं किसान मोर्चा ने किसानों की विजय के समारोह को स्थगित करने की घोषणा की। उसने कहा कि 11 दिसंबर को जब किसान विजय रैली के रूप में मोर्चा स्थल से रवाना होंगे, तब समारोह पूर्वक रैलियां निकाली जाएंगी।

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