मोदी ने सरकारी तौर पर भारत को बना दिया हिंदू राष्ट्र

Ram Gopal Jat
सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को अघोषित रुप से सरकारी स्तर पर भी हिंदू राष्ट्र बना दिया है। पिछले वीडियो में मैंने आपको बताया था कि कैसे हिंदू राष्ट्र का संविधान तैयार हो रहा है और उसे लागू करने के लिये भी कोशिशें तेज हो गई हैं। हालांकि, अभी तक केंद्र सरकार ने ना तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया है और ना ही इसकी घोषणा की है, लेकिन मोदी सरकार ने सरकारी स्तर पर देश को अघोषित तौर पर हिंदू राष्ट्र बना दिया है। आप भले ही इस बात पर अचरज करें, लेकिन जो हिंदू भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का सपना देख रहे हैं, वो इस रिपोर्ट को देखकर खुश हो सकते हैं।
आपको याद होगा कुछ माह पूर्व ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत अगले 15 साल में अखंड़ भारत बन जायेगा, मतलब, जो 15 देश भारत से अलग हुये हैं, वो सभी फिर से भारत से जुड़ जायेंगे। भागवत ने इसके साथ ही यह भी कहा था कि हम किसी पर आक्रमण नहीं करेंगे, लेकिन यह दुनिया पॉवर को ही मानती है, ऐसे में भारत एक हाथ में डंडा रखकर भारत को अखंड़ भारत बनायेगा। मोहन भागवत के इस बयान पर बहुत लोगों को अचरज हुआ है और अधिसंख्य लोगों ने इसको सिरे से खारिज भी कर दिया है, लेकिन जो लोग आरएसएस की विचारधारा को अच्छे से जानते हैं, उनको पूरा भरोसा है कि यदि संघ ने यह बात बोली है, तो निश्चित तौर पर पक्का ही भारत अखंड़ भारत बनने वाला है।
अखंड़ भारत की बात की जाये तो वर्तमान भारत मे अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, मालद्वीप, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, कम्बोडिया, वियतनाम, लाओस, ब्रुनेई, सिंगापुर, फिलिपिंस और बांग्लादेश शामिल है। इसका मतलब यह है कि जिन देशों में मुसलमान रहते हैं, उनको भी भारत में वापस मिलाया जायेगा। जिस गति से भारत सरकार काम कर रही है, उससे कभी कभी ऐसा लगता है कि मोदी ने जो अगले 25 साल में भारत को पूर्ण विकसित करने का लक्ष्य रखा है, वह निश्चित तौर पर पूरा होगा, लेकिन जब इन देशों को वापस मिलाने की बात होती है, तब ये सवाल उठते हैं कि आखिर अफगानिस्तार, पाकिस्तान और कंगाल हो चुके श्रीलंका को कैसे विकसित किया जायेगा?
फिर बात आती है कि जब भारत को 15 साल में अखंड़ भारत बना लिया जायेगा, तो इसका मतलब यह हुआ कि इन मुस्लिम देशों को भी भारत में ही शामिल किया जायेगा। यदि मुस्लिम देश भी भारत में शामिल हो जायेंगे, तो अखंड़ भारत की आबादी 200 करोड़ से अधिक हो जायेगी, जिसमें मुस्लिम बहुसंख्यक होंगे और हिंदू अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जायेंगे। लेकिन वर्तमान की बात की जाये तो केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का काम कर रही है। इसकी पड़ताल की जाये तो सामने आता है कि मोदी सरकार ने मुस्लिम मुक्त मंत्रीमंड़ल कर दिया है। पिछले दिनों ही अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को भी इस्तीफा देना पड़ा है। अब ना केवल मोदी सरकार में कोई मुसलमान मंत्री नहीं है, बल्कि भाजपा का एक भी सांसद मुस्लिम नहीं है। देश के किसी राज्य का मुख्यमंत्री मुसलमान नहीं है, कैरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को छोड़कर किसी राज्य का राज्यपाल भी मुस्लिम नहीं है। भाजपा के देशभर में करीब 1300 विधायकों में कोई भी मुसलमान नहीं है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल को छोड़कर किसी बड़े राज्य में मुसलमानों को टिकट नहीं दिया है।
जबकि मनमोहन सिंह की पहली सरकार में सात मुसलमान मंत्री थे, तो दूसरी सरकार में 10 मंत्री मुसलमान थे। मोदी की दोनों सरकारों की बात की जाये तो केवल 3 मुसलमान मंत्री बन पाये हैं, जबकि अब एक भी मंत्री मुस्लिम नहीं है। इसी तरह से सरकार में 82 सचिव में से केवल 3 सचिव मुस्लिम हैं। इससे पता चलता है​ कि सरकार ने अघोषित रुप से देश को सरकारी स्तर पर भी हिंदू राष्ट्र बना दिया है। आपको याद होगा, लंबे समय से जब भी कोई विदेशी मेहमान या कोई बड़ा नेता देश में आता था, तो उसको जब तक आगरा का ताजमहल और जामा मस्जिद नहीं दिखाई जाती थी, तब तक उसकी यात्रा पूरी नहीं मानी जाती थी। यहां तक कि सरकारी दस्तावेजों पर भी ताजमहल छाया रहता था। पर्यटकों को ताजमहल दिखाकर आकर्षित किया जाता था। किंतु जब से मोदी सत्ता में आये हैं, तब से ताजमहल को सरकारी दस्तावेजों से पूरी तरह गायब कर दिया गया है। आज कोई भी विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री ताजमहल नहीं जाता है और ना ही किसी विदेशी मेहमान को ले जाया जाता है। मोदी ने ट्रंप से लेकर जिनपिंग तक को देश के दूसरे स्थलों पर ही घुमाया है।
इसका मतलब यह है कि सरकार ने ना केवल मुसलमानों को सत्ता से दूर किया है, बल्कि इस्लाम से जुड़ी हर चीज से दूरी बना ली है। इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हैं और अगले साल के अंत तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव हैं। उससे पहले कर्नाटक में भी इलेक्शन होने वाले हैं। जबकि जम्मू कश्मीर में भी सरकार चुनाव कराने पर विचार कर ही है। माना जा रहा है कि भाजपा इन चुनावों में भी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं देगी। सुनने में तो यह भी आया है कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक मामलात के मंत्रालय को ही खत्म करने पर विचार कर रही है। जिस देश की आबादी करीब 140 करोड़ हो और उसमें लगभग 20 करोड़ मुस्लिम रहते हों, उस देश में एक भी सांसद या मंत्री नहीं होना यह साबित तो करता ही है कि सरकार अघोषित तौर पर भारत को हिंदू राष्ट्र बना चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि जिस तरह से साधु सतों के द्वारा अगले साल माघ मेले में हिंदू राष्ट्र का संविधान पेश करने की योजना बनाई गई है, उससे साफ है कि इन सबका कनेक्शन कहीं ना कहीं भाजपा से जरुर जुड़ा हुआ है। वैसे भी संघ की हमेशा विचारधारा हिंदू राष्ट्र की रही है, जो भाजपा की जननी है।
दुनिया में वैसे तो 57 इस्लामिक देश हैं, लेकिन एक भी हिंदू राष्ट्र नहीं है। विश्व में मुसलमानों की आबादी करीब 180 करोड़ है, जबकि हिंदूओं की जनंसख्या करीब 120 करोड़ मानी जाती है। ऐसे में यदि विश्व के करीब 194 देशों में यदि एक देश हिंदू राष्ट्र बन जाये तो किसी को आपत्ति भी क्यों होनी चाहिये। वैसे भी जब मुस्लिम बहुल आबादी वाले सभी देश घोषित रुप से इस्लामिक मुल्क हैं, तो फिर हिंदू बहुलता वाला भारत हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं होना चाहिये? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 21 साल के सत्ताधारी कार्यकाल में हमेशा ही यह दिखाने का प्रयास किया है कि वह एक गर्विले हिंदू हैं और हर हिंदू को इस बात पर गर्व होना चाहिये कि वह हिंदू है। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद हमेशा गर्व से कहो, हम हिंदू हैं, कहते भी आये हैं। ऐसे में कोई माने या नहीं मानें, भारत के हिंदू राष्ट्र की नींव लग चुकी है। पिछले दिनों भाजपा के हिंदू राष्ट्र के सपने से परेशान होकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले सभी जातियों का एक करने की चुनौती दे चुके हैं। साथ ही यह भी दावा किया है कि भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता है।
मोदी का बीते आठ साल में मंदिरों में जमकर पूजा पाठ करना, भगवा धारण करना, गुुफाओं में साधुओं की तरह ध्यान लगाना और किसी मस्जिद नहीं जाना, किसी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाना, किसी मुस्लिम को भाजपा द्वारा टिकट नहीं देना, साथ ही साधु संतों के एक वर्ग द्वारा हिंदू राष्ट्र का संविधान बनाना, जिसका संबंध भाजपा से होना और सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के आने वाले सबसे बड़े नेता माने जा रहे योगी आदित्यनाथ द्वारा हमेशा भगवा वस्त्रों में रहना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा, संघ और मोदी—योगी की जोड़ी देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का ही काम कर रही है।

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