चुनाव घोषित होते ही भाजपा ने कांग्रेस को हरा दिया, वसुंधरा रहेंगी बाहर!



इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की आज तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फेंस कर इस का ऐलान किया गया है। तारीखों के अनुसार मिजोरम, मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक ही चरण में चुनाव किए जाएंगे। जबकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में होगा। इस बीच बीजेपी ने राजस्थान में अपने उम्मीद्वारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।


देश के पांच राज्य मिजोरम में 7 नवंबर, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर और राजस्थान में मतदान 23 नवंबर को होगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में होगा। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 30 नवंबर को होगा। सभी राज्यों में मतगणना 3 दिसंबर को होगी। इसके दो घंटे बाद ही भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के 41 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर दी।


इस लिस्ट में भाजपा ने 7 मौजूदा सांसदों को भी मैदान में उतारा है, जिनमें से 6 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद है। पहली लिस्ट के अनुसार बीजेपी ने गंगानगर से कारोबारी जयदीप बिहाणी, भादरा से संजीव बेनीवाल, डूंगरगढ़ से ताराचंद सारस्वत, सुजानगढ़ से संतोष मेघवाल, झुंझुनू से बबलू चौधरी, मंडावा से झुंझनू सांसद नरेन्द्र कुमार खींचड़, नवलगढ़ से विक्रम सिंह जाखल, उदयपुरवाटी से पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, फतेहपुर से श्रवण चौधरी, लक्षमणगढ़ से पूर्व सांसद सुभाष मेहरिया, दांतारामगढ़ से गजानंद कुमावत, कोटपूतली से हंसराज पटेल गुर्जर, दूदू से पूर्व विधायक प्रेम चंद बैरवा, झोटवाड़ा से लोकसभा सांसद राज्यवर्धन राठोड़ को सीट दी है।


इसके अलावा विद्याधर नगर से रासमसंद से लोकसभा सांसद दीया कुमारी, बस्सी से पूर्व आईएएस चन्द्रमोहन मीणा, तिजारा से अलवर सांसद बाबा बालकनाथ, बानसूर से देवी सिंह शेखावत, अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव, नगर से वसुंधरा कैंप के माने जाने वाले जवाहर सिंह बेडम, वैर से पूर्व विधायक बाहदुर सिंह कोली, हिण्डौन से पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव, सपोटरा से हंसराज मीणा, बांदीकुई से बसपा से भाजपा में शामिल हुए भागचंद डाकरा, लालसोट से रामबिलास मीणा, बामनवास से राजेंद्र मीणा, केकडी से क्षत्रुघन गौतम, बिलाड़ा से अर्जुनलाल गर्ग, बायतु से बालाराम मूंड, सांचोर से सांसद देवजी पटेल, खेरवाड़ा से नानालाल आहरी, डूंगरपुर से बंसीलाल कटारा, सागवाड़ से शंकर डेचा, चोरासी से सुशील कटारा, बागीदौरा से कृष्णा कटारा, कुशलगढ़ से भीमाभाई डामोर, माण्डल से उदयलाल भडाणा और सहाड़ा से लादूलाल पितलिया को उम्मीद्वार बनाया गया है।


भाजपा ने 6 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को टिकट दिया है। इनमें से चार सांसद खुद को सीएम की रेस में मानते हैं। भाजपा ने इससे पहले मध्य प्रदेश में भी सांसदों को टिकट दिया है। एक वीडियो में मैंने पहले ही बता दिया था कि आधा दर्जन सांसदों को विधायक का टिकट दिया जाएगा। इस सूची से साफ हो गया है​ कि वसुंधरा राजे कैंप को नजरअंदाज किया गया है। पहली सूची में वसुंधरा के खास माने जाने वाले विधायक नरपत सिंह राजवी और पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत का टिकट कट गया है। 


पहली सूची में भाजपा ने कुल साढ़े 20 फीसदी टिकट जारी किए हैं, जबकि 28 फीसदी लोकसभा सांसदों को मौदान में उतार दिया है। इस सूची की खास बात यह है कि पश्चिमी राजस्थान के कम ही टिकट जारी किए गए हैं। सूची में वसुंधरा कैंप भी बाहर हो गया है तो साथ ही यह भी साफ हो गया है कि पार्टी युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठों को समान अवसर दे रही है। गुटबाजी का असर भी टिकटों से दिखाई नहीं दे रहा है। जो नेता गुटबाजी में लगे हुए थे, उनके टिकट काटकर पार्टी सख्त संदेश दे दिया है। 


पहली लिस्ट आचार संहिता लगने के ठीक दो घंटे बाद जारी कर भाजपा ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। अब इसके कारण कांग्रेस पर दबाव बन गया है। कांग्रेस पार्टी को अब जल्द से जल्द अपनी पहली सूची जारी करनी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने पूर्व सांसद सुभाष महरिया को टिकट दिया गया है, जिससे साफ है कि भाजपा डोटासरा को चेन की सांस नहीं लेने देगी। एक अन्य मंत्री लालचंद कटारिया के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को उतारा गया है। इसी तरह से गुर्जर समाज को आरक्षण दिलाने वाले कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को देवली उनियारा से टिकट देकर सचिन पायलट के कारण भाजपा से छिटके गुर्जर वोट को वापस हासिल करने का प्रयास किया गया है।


भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही आक्रामक रवैया अपनाया है, जो इस बात का प्रमाण है कि यहां पर भी गुजरात मॉडल को अपनाया जा रहा है। 

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