मैं उस मां की ओर से बोल रहा हूं, जो खेत बेचकर बेटे को पढ़ा रही है: आक्रोश महारैली में गरजे हनुमान बेनीवाल

जयपुर के मानसरोवर स्थित आवासन मंडल मैदान (वीटी रोड) में रविवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में "युवा आक्रोश महारैली" का आयोजन हुआ। इस रैली में हजारों की संख्या में युवा, किसान, बेरोजगार और छात्र जुटे। मंच से बेनीवाल ने युवाओं की समस्याओं को मुखरता से उठाया और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया।

इस महारैली में प्रमुख रूप से तीन बड़ी मांगें उठाई गईं—राजस्थान के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने, 2021 की विवादित सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती को रद्द करने, और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन की। बेनीवाल ने कहा कि ये मुद्दे राज्य से जुड़े हैं, लेकिन उन्होंने इसे संसद में भी उठाया है ताकि राजस्थान के युवाओं को न्याय मिल सके।

अपने भाषण में बेनीवाल ने भावुक अंदाज़ में कहा, "मैं यहां किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं खड़ा हूं। मैं उस मां की ओर से बोल रहा हूं, जो खेत बेचकर अपने बेटे को पढ़ा रही है। मैं उस नौजवान की आवाज़ हूं, जो भूखा रहकर कोचिंग करता है लेकिन फिर भी हार नहीं मानता।" उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब युवा, किसान, बेरोजगार, शिक्षक और छात्र मिलकर अपने हक़ की आवाज़ बुलंद करेंगे और चुप नहीं बैठेंगे।

रैली के दौरान प्रशासन की ओर से जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और जयपुर संभाग की आयुक्त पूनम के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल मौके पर पहुंचा और बेनीवाल से वार्ता की। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी युवाओं को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी। हनुमान बेनीवाल ने इस पहल को सकारात्मक बताया लेकिन स्पष्ट किया कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।

हनुमान बेनीवाल की यह महारैली न केवल संख्या बल के लिहाज़ से बड़ी रही, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी देती है कि राजस्थान का युवा अब चुप नहीं है। बेनीवाल ने अंत में दो टूक कहा कि सरकार यह भ्रम न पाले कि वह अकेले हैं—अब उनके साथ पूरा राजस्थान खड़ा है।


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