मोदी ने शुरू कर दी 2024 के चुनाव की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को, यानी आज शाम को चार साल और 11 महीनों बाद दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के लखनउ स्थित सरकारी आवास पर पहुंचेंगे। पीएम मोदी यहां पर सीएम योगी समेत उनके 52 मंत्रियों के साथ रात्रि भोजन भी करेंगे। इस दौरान उनकी तमाम राजनीतिक और प्रशासनिक बातों पर चर्चा भी होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस चर्चा में 2024 के लोकसभा चुनाव साथ राज्य की विकास योजनाओं पर बातें भी हो सकती हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनााि ने पिछले दिनों ही दिल्ली जाकर पीएम मोदी को इस डिनर के लिए आमंत्रित किया था। मोदी ने तभी अपनी सहमति जता दी थी, लेकिन तब तारीख तय नहीं हो सकी थी। 10 मार्च को आए नतीजों के बाद लगातार दूसरी बार यूपी जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बने योगी के लिए इस मीटिंग के मायने बहुत अलग हैं। पीएम मोदी का उनके घर सरकार बनने के बाद दूसरी बार पहुंचना दर्शाता है कि इन दोनों नेताओं के बीच सियासी केमिस्ट्री बेहद मजबूत है। मोदी इससे पहले योगी के पहले कार्यकाल में 20 जून 2017 को उनके आवास पर गए थे। साल 2022 चुनाव के कुछ पहले पीएम मोदी जब यूपी दौरे पर गए थे, तब दोनों की एक साथ कदमताल करते हुए कुछ फोटो वायरल भी हुई थीं। आबादी की दृष्टि से सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथा के दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी का ये पहला दौरा होगा, जिसमें वो सीएम के घर जाकर तमाम चर्चा करेंगे। इससे पहले 16 मई को पीएम मोदी नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्म स्थली लुंबिनी गये। आज ही शाम को वो यूपी की राजधानी लखनऊ में रूकेंगे। यहां पर सीएम योगी घर पर रात्रिभोज से पहले मोदी की योगी मंत्रिमंडल के साथ करीब साढे तीन घंटे तक बैठक होगी। योगी सरकार के सभी 52 मंत्री बारी-बारी से मोदी के सामने अपनी बात रखेंगे। सबको अपनी बात रखने के लिए तीन-तीन मिनट का समय दिया गया है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी चाहते हैं कि 2024 के आम चुनाव से पहले राज्य के कामकाज तेजी से हों। वो अपनी केंद्र सरकार की लोक कल्याणकारी नीतियों की भी चर्चा करेंगे। ऐसी योजनाओं पर भी बात होगी, जिसमें योगी सरकार का कामकाज ठीक नहीं रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस अवसर पर योगी मंत्रीमंडल को सुधार का मंत्र भी देंगे। इससे पहले साल 2017 को पीएम मोदी ने योगी के घर डिनर किया था, तब उसमें विपक्ष के नेताओं को भी बुलाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने उस मीटिंग में जाने से किनारा कर लिया था, लेकिन मुलायम सिंह यादव डिनर में मौजूद रहे थे। हालांकि, ये पता नहीं लग सका है कि इस बार विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित किया गया है या नहीं। असल बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह लखनउ यात्रा केवल योगी के साथ रात्रिभोज तक सीमित नहीं है। वास्तव में दो साल के भीतर होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इसके मायने बहुत हैं। मोदी चाहते हैं कि सबसे बड़े सूबे में केंद्र की योजनाओं को तेजी से पूरा किया जाए, साथ ही जो वादे हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान किए गये हैं, उनको भी समयबद्ध तरीके से पूरे किये जाएं, ताकि उसका सकारात्मक प्रभाव दिखना शुरू हो, जिससे लोकसभा चुनाव में कम माथापच्ची करनी पड़े। देश की 543 लोकसभा सीटों में से 75 जिलों के साथ सर्वाधिक 80 सीट अकेले उत्तर प्रदेश से हैं। जहां पर 2014 के चुनाव में भाजपा ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि 2019 के आम चुनाव में पार्टी को यूपी की 62 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। पार्टी के लिए 9 सीटें कम होना चिंता का विषय था, जिसपर भी मंथन किया गया था। इस बार उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से पार्टी को गठबंधन के तहत 273 सीटें मिली हैं, जबकि उससे पहले 2017 में 325 सीटों पर जीती थी। इसलिए पार्टी इस बात पर मंथन कर रही है कि इसी तरह से आगे सीटें कम होती चली गईं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी पिछड़ सकती है, जो तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने में आड़े आ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी रात्रिभोज के माध्यम से अपने मंत्रियों को कामकाज पर फोकस करने का मंत्र देने जा रहे हैं। आपको याद होगा 2014 में भाजपा को 282 सीटों के साथ सरकार बनाने का अवसर मिला था, जबकि इसके पांच साल बाद 2019 के चुनाव में पार्टी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की ​थी, जबकि पार्टी को इन पांच सालों में अकेले उत्तर प्रदेश में 9 लोकसभा सीटों का नुकसान हुआ था। भाजपा शीर्ष नेतृत्व यही चाहता है कि 2024 के चुनाव में ना केवल कुल सीटों की संख्या को बढ़ाएं, बल्कि उत्तर प्रदेश में फिर से 70 से अधिक सीटों पर जीत हालिस की जाए, जिसके लिए रोडमैप मोदी के नेतृत्व में योगी सरकार को करना है। मोदी नहीं चाहते हैं कि जब वह 75 साल के होकर प्रधानमंत्री पद छोड़ें, तब पार्टी किसी गठबंधन की बैसाखी के सहारे टिकने का मजबूर हो। इसलिए आम लोगों को भले ही पीएम मोदी का सीएम योगी के घर यह सामान्य रात्रिभोज लगे, लेकिन हकिकत यह है​ कि भाजपा उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए तैयारी और रणनीति बनानी शुरू कर चुकी है। दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी दल बनकर 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर करने का सपना देखने वाली कांग्रेस के मुखिया राहुल गांधी भी 2 अक्टूबर से भारत जोड़ा के नाम से यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी पूर्व से पश्चित तक होगी, जिसकी जिम्मेदारी संगठन प्रमुख केसी वेणुगोपाल को सौंपी गई है। हालांकि, इसका रोडमैप तैया नहीं हुआ है, किंतु माना जा रहा है कि रेल, बस और पैदल होने वाली इस यात्रा के द्वारा कांग्रेस यह दिखाने की कोशिश करेगी कि व​ह पुरानी एसी कल्चर वाली पार्टी नहीं रही है, अब जमीन पर उतरकर लोगों के लिए पसीना बहाना भी पार्टी ने सीख लिया है। उससे पहले राहुल गांधी की जुलाई के अंत में दोबारा तोजपोशी होने की पूरी संभावना है। उदयपुर में आयोजित हुए चिंतन शिविर में यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी से पार्टी के अगले तारणहार होंगे और उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी 2024 का चुनाव लड़ने वाली है। खास बात देखिए, एक तरफ जहां भाजपा अगले लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर चुकी है, वहीं कांग्रेस अबतक भी यात्रा शुरू करने का रोडमैप नहीं बना पाई है।

Post a Comment

Previous Post Next Post