चुनावी इतिहास: बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महागठबंधन को हराया था। इसमें भाजपा ने 74, जद(यू) ने 43, और वीआईपी ने 4 सीटें जीती थीं। महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को 75 सीटें मिली थीं।
वर्तमान स्थिति: वर्तमान में बिहार में भाजपा, जद(यू), और वीआईपी का गठबंधन सत्ता में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जद(यू) के हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव RJD के हैं।
प्रमुख दल:
-भाजपा (BJP): राज्य में सशक्त उपस्थिति, विशेषकर शहरी और उत्तरी क्षेत्रों में
-राष्ट्रीय जनता दल (RJD): ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में मजबूत पकड़
-जनता दल (यूनाइटेड) [JDU]: मध्यम वर्गीय और सवर्ण मतदाताओं के बीच प्रभावी
-विकासशील इंसान पार्टी (VIP): दलित और पिछड़े वर्गों में प्रभाव
चुनौती: भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए RJD और JDU के गठबंधन को चुनौती देनी होगी। तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन की मजबूती भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की तीसरी पारी की संभावना
चुनावी इतिहास:
पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थ। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से 18 सीटें जीतीं, जबकि TMC को 22 सीटें मिली।
वर्तमान स्थिति:
ममता बनर्जी की TMC राज्य में तीसरी बार सत्ता में है। हालांकि, भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनावों में 77 सीटों पर जीत दर्ज की, जो पार्टी की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
प्रमुख दल:
-तृणमूल कांग्रेस (TMC):अमुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व मे।
-भारतीय जनता पार्टी (BJP): राज्य में विपक्षी दल के रूप में मजबूत उपस्थित।
-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): कुछ सीटों पर प्रभावी, लेकिन TMC और BJP के मुकाबले कमजोर।
-लेफ्ट फ्रंट (LF): कुछ पारंपरिक क्षेत्रों में प्रभावी, लेकिन समग्र रूप से कमजो।
चुनौती:
भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए TMC के गढ़ में सेंध लगानी होग। सुवेंदु अधिकारी जैसे नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता भाजपा के लिए सहायक हो सकती ह।
भाजपा की स्थिति: मजबूती और कमजोरी
मजबूती: भाजपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत है। केंद्रीय योजनाओं और नीतियों का प्रभावी प्रचर। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं की सक्रिया।
कमजोरी: स्थानीय मुद्दों पर कमजोर पक़। विपक्षी गठबंधनों का मजबूत होा। भाजपा के कुछ नेताओं के विवादास्पद बयान।
चुनावी भविष्यवाणी
बिहार
भाजपा और उसके गठबंधन को RJD और JDU के गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल सकतीह। हालांकि, भाजपा की संगठनात्मक ताकत और केंद्रीय योजनाओं का प्रभावी प्रचार उसकी स्थिति मजबूत कर सकताहै।
पश्चिम बंगाल
TMC की सत्ता में वापसी की संभावना है, लेकिन भाजपा की बढ़ती ताकत और सुवेंदु अधिकारी जैसे नेताओं की सक्रियता चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकतीहै।
निष्कर्ष
बिहार और पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विपक्षी गठबंधनों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ग। स्थानीय मुद्दों, संगठनात्मक ताकत, और नेताओं की लोकप्रियता चुनावी परिणामों को प्रभावित करेग। राजनीतिक समीकरणों और रणनीतियों के आधार पर चुनावी परिणामों में बदलाव संभवहै।
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